Gujrat News / क्षत्रिय समाज ने रुपाला के खिलाफ राजकोट में किया शक्ति प्रदर्शन, BJP को दिया अल्टीमेटम

Zoom News : Apr 15, 2024, 10:20 AM
Gujrat News: गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला (Rajkot Seat BJP Candidate Parshottam Rupala) की विवादित  टिप्पणी को लेकर राजपूत समाज की नाराजगी अभी कम होती नहीं दिख रही है। क्षत्रिय समाज अपना आंदोलन तेज करते हुए हर हाल में रुपाला की उम्मीदवारी रद्द कराने की जिद पर अड़ा है। इसके लिए क्षत्रिय समाज ने रविवार को राजकोट के रतनपुर गांव में एक विशाल जनसभा के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन किया और भाजपा से रुपाला की उम्मीदवारी वापस लेने की मांग दोहराई। क्षत्रिय समाज ने रुपाला का टिकट नहीं काटने भाजपा का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने घोषणा की थी कि रुपाला 16 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

राजकोट के रतनपुर में विभिन्न राजपूत संगठनों द्वारा आयोजित इस विशाल सम्मेलन में लोगों को भारी भीड़ उमड़ी। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जहां महिलाएं भगवा पोशाक पहनकर निकलीं, वहीं अधिकतर पुरुषों ने सफेद शर्ट, काली पैंट और पगड़ी के ड्रेस कोड का पालन किया। वक्ताओं में श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना भी शामिल थे। मकराना को 6 अप्रैल को गुजरात में उस वक्त हिरासत में ले लिया गया था, जब वह करणी सेना की कुछ महिलाओं से मिलने आए थे, जिन्होंने रुपाला के विरोध में 'जौहर' (आत्मदाह) करने की धमकी दी थी।

क्षत्रिय समाज की कोर कमेटी के सदस्य रामजुभा जडेजा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम रुपाला की उम्मीदवारी वापस लेने की अपनी मांग पर कायम हैं। हमने भाजपा से मांग की है कि रुपाला को जाना होगा और हम उस मांग पर कायम हैं।’’

जडेजा ने कहा कि रुपाला ने हमारी बेटियों और बहनों का अपमान किया। फिर उन्होंने माफी मांगने का स्वांग रचा। लेकिन, हमने उनकी माफी को खारिज कर दिया है। हम रुपाला के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे। भाजपा को राजकोट लोकसभा सीट से उनकी उम्मीदवार रद्द करनी चाहिए।

रुपाला की किस बात से नाराज हैं राजपूत

गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रुपाला ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी। गुजरात में क्षत्रिय समाज ने रुपाला की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई क्योंकि तत्कालीन राजघरानों में अधिकतर राजपूत थे। 

इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'एक्स' पर राजकोट की जनसभा का एक वीडियो पोस्ट कर लिखा, ''भाजपा के विरोध में राजपूत समाज की नाराजगी का ये महा जनसैलाब बता रहा है कि चाहे गुजरात हो, राजस्थान, हरियाणा या उत्तर प्रदेश हर जगह क्षत्रिय, राजपूत, ठाकुर समाज अपने मान-सम्मान के लिए उठ खड़ा हुआ है। भाजपा को ये अधिकार कभी नहीं है कि वो किसी समाज का अपमान करे। भाजपा याद रखे जिन्होंने उन्हें सत्ता दी वहीं उन्हें सत्ता से बाहर करने की सौगंध उठाकर उन्हें बुरी तरह पराजित करेंगे। ये समाज जो वचन उठाता है, उससे कभी फिरता नहीं। मतदाताओं को अपना राजनीतिक बंधुआ मानने की भूल, भाजपा के पतन का कारण बनेगी।''

चित्तौड़गढ़ में भी राजपूतों ने रुपाला के खिलाफ किया था प्रदर्शन

बता दें कि, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी 13 अप्रैल को राजपूत समाज ने लोकसभा चुनाव में गुजरात के राजकोट से भाजपा उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला की विवादास्पद बयान पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया था। करणी सेना के बैनर तले समाज के लोगों ने रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान रूपाला का पुतला फूंका गया। पुतला दहन के बाद रूपाला का टिकट नहीं काटने पर अग्नि को साक्षी मानकर समाज के लोगों ने इस चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की शपथ ली थी। राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने रुपाला का टिकट काटे जाने की मांग की है।

गौरतलब है कि रुपाला की टिप्पणियों का एक वीडियो 22 मार्च को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके तुरंत बाद उन्होंने माफी मांग ली थी। हालांकि, गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह दावा करते हुए शिकायत दी गई थी कि रुपाला ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा और मतगणना 4 जून को होगी। 

भीलवाड़ा

राजपूत समाज ने रविवार को गुजरात के राजकोट से भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला का पुतला दहन किया। करणी सेना जिला अध्यक्ष बबलू सिंह ठूमिया के नेतृत्व में महाराणा प्रताप सर्कल पांसल चौराहे पर एकत्रित होकर नारेबाजी की और रूपाला का टिकट काटने की मांग की। चंद्रभान सिंह भरणीकलां, रणजीत सिंह कारोई, सत्यवीर सिंह सांकरिया, राजेंद्र सिंह गुजरवाड़ा, लक्ष्मी कंवर राणावत, रजनी चुंडावत, मंजू राजावत, राजेंद्र सिंह सोलंकी, भानुप्रताप सिंह देवली, बबलू सिंह धांगडास, राहुल सिंह दहिमाथा, करण सिंह राणावत आदि उपस्थित रहे।

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