हिमाचल प्रदेश / हिमाचल में भूस्खलन की चपेट में आए बस समेत कुछ वाहन, 40 के मलबे में दबे होने की आशंका

Zoom News : Aug 11, 2021, 03:32 PM
किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बार फिर से भूस्खलन की घटना से कोहराम मच गया है। बुधवार को हुए भयानक भूस्खलन में 50 से 60 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। डिप्टी कमिश्नर सादिक हुसैन ने इसकी जानकारी दी। विधानसभा सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी घटना की पुष्टि की है। एक महीने से भी कम समय में किन्नौर में भूस्खलन की यह दूसरी बड़ी घटना है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भूस्खलन के मलबे में 50 से 60 लोगों के दबने की आशंका है। बचाव अभियान के तहत अब तक बस के ड्राइवर और कंडक्टर समेत 4 लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है। फिलहाल भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं। अब भी थोड़ा बहुत भूस्खलन हो रहा है, लेकिन इस बीच बचाव अभियान जारी है।

हादसे में बस के साथ ही अन्य पांच छोटे वाहन भी दबे होने की आशंका है। चट्टान खिसकने के बाद से ही नेशनल हाईवे नंबर 5 ब्लॉक है। यह हादसा बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास हुआ। मलबे में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस के साथ ही एक ट्रक और एक गाड़ी भी दबी दिख रही है।

बस के अलावा कुछ और गाड़ियां भी दबी हैं।  मलबे को हटाने के लिए काम तेजी से किया जा रहा है लेकिन अभी भी चट्टानों से पत्थर और मिट्टी गिर रही है, जिसकी वजह से बचाव कार्य में रुकावट आ रही है। एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी बचाव के काम में जुटा है।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि मलबे के नीचे 50 से 60 यात्रियों से भरी एक हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस के साथ ही कई अन्य वाहन भी दबे हुए हैं। यह किन्नौर के रेकोंगे पेओ से शिमला की ओर जा रही थी। एनडीआरएफ के साथ ही स्थानीय बचाव टीमों को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है। सादिक हुसैन ने यह भी बताया कि अभी तक चट्टानों से बड़े-बड़े पत्थर गिर ही रहे हैं, जिसकी वजह से बचाव कार्य में बाधा आ रहा है। 

पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ ने की सीएम से बात

इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिमाचल प्रदेश के सीएम से बात की है। पीएम मोदी ने सीएम जयराम ठाकुर को भरोसा दिया है कि किन्नौर में हुए हादसे में बचाव के लिए केंद्र की ओर से पूरी मदद की जाएगी।

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