Auto / मेड-इन-इंडिया Maruti Swift और Renault Duster की सुरक्षा रेटिंग जीरो! क्रैश टेस्ट में बुरी तरह हुईं फेल

Vikrant Shekhawat : Aug 29, 2021, 12:55 PM
आप जिस हैचबैक, सिडैन या एसयूवी सेगमेंट की कारों पर चढ़ते हैं, वो कितनी सेफ हैं, इसके लिए समय-समय पर वैश्विक संस्थाओं द्वारा सेफ्टी से जुड़े टेस्ट आयोजित कराए जाते हैं और उनमें अच्छा परफॉर्म करने वाली कारों को सबसे अच्छी 5 तक रेटिंग दी जाती है। हाल ही में Latin NCAP में भारत में तैयार बेस्ट सेलिंग हैचबैक Maruti Suzuki Swift के साथ ही मिड साइज एसयूवी Renault Duster की सेफ्टी रेटिंग जांच की गई, जिसमें आपको जानकर हैरानी होगी कि इन दोनों कारों को जीरो रेटिंग दी गई।

मारुति सुजुकी की लेटेस्ट स्विफ्ट का प्रोडक्शन गुजरात के साथ ही जापान में भी हो रहा है। वहीं, रेनो डस्टर का प्रोडक्शन चेन्नै के साथ ही रोमानिया भी होता है। हालांकि, यहां बता दूं कि भारत में बिकने वाली मारुति स्विफ्ट और रेनो डस्टर को ग्लोबल NCAP में क्रमश: 2 और 3 सेफ्टी रेटिंग मिली थी। लेकिन लैटिन अमेरिका और कैरीबियन देशों में बिकने वाली कारों की सेफ्टी रेटिंग फुस्स हो गई है। ऐसे में निश्चित रूप से वहां इन कारों की बिक्री प्रभावित हो सकती है।

मारुति स्विफ्ट कितनी सेफ?
Latin NCAP में Maruti Swift हैचबैक को एडल्ट ऑक्यूमेंट में 100 में 15.53%, पेडिस्ट्रियन प्रोटेक्शन और वल्नरेबल रोड यूजर्स बॉक्स कैटिगरी में 66.07%, चाइल्ड ऑक्यूमेंट बॉक्स में जीरो पर्सेंट और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स कैटिगरी में 6.98 पर्सेंट मार्क्स मिले, जिसके बाद इसे जीरो रेटिंग दी गई। विकासशील देशों की अपेक्षा विकसित देशों में बिकने वाली मारुति स्विफ्ट में 6 एयरबैग्स समेत कई सेफ्टी फीचर्स होते हैं। वहीं, विकासशील देशों में सेफ्टी के मामले में काफी समझौता किया गया है, जिसकी वजह से इसकी सेफ्टी रेटिंग में पोल खुल गई है।

रेनो डस्टर कितनी सेफ?
Renault Duster को लैटिन NCAP सेफ्टी एंड क्रैश टेस्ट में जीरो रेटिंग मिलने के कारण ये हैं कि इस कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट बॉक्स कैटिगरी में 29.47 पर्सेंट, पेडिस्ट्रियन प्रोटेक्शन और वल्नरेबल रोड यूजर्स बॉक्स कैटिगरी में 50.79%, चाइल्ड ऑक्यूमेंट बॉक्स में 22.93 पर्सेंट और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स कैटिगरी में 34.88 पर्सेंट मार्क्स मिले। लैटिन अमेरिका में बिकने वाली रेनो डस्टर में साइड हेड प्रोटेक्शन और साइड बॉडी प्रोटेक्शन एयरबैग्स की कमी है। वहीं भारत और यूरोपीय देशों में बिकने वाली डस्टर अपेक्षाकृत ज्यादा सेफ है।

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