हिंदी सिनेमा में माधुरी दीक्षित और नाना पाटेकर दोनों ही अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं और 80 और 90 के दशक में इन दोनों दिग्गजों ने कई यादगार फिल्में दी हैं। माधुरी और नाना ने 'परिंदा', 'वजूद', 'प्रेम ग्रंथ' और 'कोयला' जैसी चार फिल्मों में साथ काम किया है, जहाँ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा। हालाँकि, एक ऐसी ब्लॉकबस्टर फिल्म भी थी जिसे माधुरी दीक्षित ने ठुकरा दिया था, और। वह फिल्म नाना पाटेकर के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक बन गई।
'अग्नि साक्षी' का प्रस्ताव और अस्वीकृति
साल 1996 में रिलीज हुई फिल्म 'अग्नि साक्षी' को आज भी हिंदी सिनेमा की क्लासिक थ्रिलर फिल्मों में गिना जाता है और इस फिल्म में जैकी श्रॉफ और मनीषा कोइराला मुख्य भूमिका में थे, जबकि नाना पाटेकर ने एक महत्वपूर्ण सहायक भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात यह है कि मनीषा कोइराला से पहले इस रोल के लिए मेकर्स की पहली पसंद माधुरी दीक्षित थीं। पार्थो घोष द्वारा निर्देशित इस फिल्म के लिए माधुरी को अप्रोच किया गया था, लेकिन उस समय वह अपनी फिल्म 'याराना' की शूटिंग में बेहद व्यस्त थीं। डेट्स की कमी के चलते माधुरी को यह शानदार ऑफर ठुकराना पड़ा, और इस तरह यह भूमिका मनीषा कोइराला के पास चली गई।
नाना पाटेकर का दमदार अभिनय
भले ही नाना पाटेकर ने 'अग्नि साक्षी' में सहायक भूमिका निभाई थी, लेकिन उनके अभिनय ने जैकी श्रॉफ के मुख्य किरदार को भी पीछे छोड़ दिया था। उन्होंने विश्वनाथ नाम के एक जुनूनी और विक्षिप्त पति का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया था कि दर्शक दाँतों तले उंगलियाँ दबाने को मजबूर हो गए। उनके इस यादगार प्रदर्शन के लिए नाना पाटेकर को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। उनका किरदार आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे खौफनाक विलेन्स में से एक। माना जाता है, जिसने फिल्म को एक अलग ही स्तर पर पहुँचा दिया था। फिल्म में उनके डायलॉग्स और बॉडी लैंग्वेज ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
बॉक्स ऑफिस पर 'अग्नि साक्षी' का जलवा
15 मार्च 1996 को रिलीज हुई 'अग्नि साक्षी' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। मात्र 4. 75 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने दुनिया भर में 31. 35 करोड़ रुपये की कमाई की थी। यह उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई और 'राजा हिंदुस्तानी' के बाद 1996 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई। फिल्म की कहानी, जिसमें एक महिला अपने सनकी पति से भागकर दूसरी शादी करती है, लेकिन उसका अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ता, दर्शकों को अपनी सीटों से बांधे रखा। इस फिल्म में रवि बहल, दिव्या दत्ता, प्रदीप चौधरी, आलोक नाथ। और अवतार गिल जैसे कलाकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई थीं।
एक ऐतिहासिक फिल्म
'अग्नि साक्षी' न केवल व्यावसायिक रूप से सफल रही, बल्कि इसने समीक्षकों द्वारा भी खूब प्रशंसा बटोरी। नाना पाटेकर के करियर में यह फिल्म मील का पत्थर साबित हुई। और इसने उनकी बहुमुखी अभिनय क्षमता को एक बार फिर साबित किया। माधुरी दीक्षित के लिए भले ही यह एक छूटा हुआ अवसर रहा हो, लेकिन फिल्म की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अच्छी कहानी और दमदार अभिनय वाली फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में जगह बनाती हैं और यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा के उन कल्ट क्लासिक्स में से एक है, जिसे इसकी अनूठी कहानी और पावर-पैक परफॉरमेंस के लिए याद किया जाता है।