महाराष्ट्र / लखीमपुर हिंसा के विरोध में सोमवार को महाराष्ट्र बंद, आवश्यक सेवाएं नहीं होंगी प्रभावित

Zoom News : Oct 11, 2021, 07:42 AM
Maharashtra Bandh: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार के तीन दलों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ सोमवार के प्रदेशव्यापी बंद का लोगों से दिल से समर्थन करने की अपील की है. हिंसा के विरोध में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों ने इस बंद का आह्वान किया है. इस बंद का आह्वान एमवीए में शामिल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से किया है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को बताया, ‘‘आज आधी रात से प्रदेश व्यापी बंद की शुरूआत हो जायेगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता नागरिकों से मिल रहे हैं और उनसे बंद में शामिल होने तथा किसानों के साथ एकजुटता दिखाने का आग्रह कर रहे हैं. 

नवाब मलिक ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने तीन कानून बना कर कृषि उत्पादों की लूट की अनुमति दे दी है और अब इनके मंत्रियों के रिश्तेदार किसानों की हत्या कर रहे हैं. हमें कृषकों के साथ एकजुटता दिखानी होगी.’’

एनसीपी नेता कहा कि एमवीए की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया गया.’’ लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया. आशीष पर आरोप है कि यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गयी थी. 

इस बीच, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिये ‘मौन व्रत’ आयोजित करेंगे. पटोले ने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं तथा लोगों से इस बंद को सफल बनाने के लिये इसमें भाग लेने की अपील की है.’’

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी पूरी शक्ति के साथ बंद में शामिल होगी . उन्होंने यह भी कहा था केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ लोगों को जगाना आवश्यक है. किसान सभा ने इस बंद को समर्थन दिया है. संगठन ने कहा है कि 21 जिलों में इसके कार्यकर्ता समान विचार वाले संगठनों के साथ बंद को सफल बनाने के लिये समन्वय स्थापित कर रहे हैं.

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