Mahmoud Abbas / महमूद अब्बास नहीं होंगे नए फिलिस्तीन के मुखिया, ट्रंप ने बताया 'बुजुर्ग' और 'अनुपयुक्त'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा समझौते के बाद नए फिलिस्तीन के मुखिया के रूप में महमूद अब्बास के नाम को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने अब्बास को बुजुर्ग और अनुपयुक्त बताया. उन्होंने इजरायली जेल में बंद मारवान अल-बरगौती की रिहाई का समर्थन किया, जिन्हें हमास भी राष्ट्रपति बनाना चाहता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा समझौते के बाद बनने वाले स्वतंत्र फिलिस्तीन के अगले राष्ट्रपति को लेकर बड़ा बयान दिया है और उन्होंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के वर्तमान प्रमुख महमूद अब्बास के नाम को सिरे से खारिज कर दिया है. ट्रंप ने अब्बास को "बुजुर्ग" और फिलिस्तीन की वर्तमान जरूरतों के लिए "अनुपयुक्त" नेता बताया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब नए फिलिस्तीन के नेतृत्व को लेकर अटकलें तेज थीं और

ट्रंप ने बरगौती का किया समर्थन

टाइम मैगजीन से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि महमूद अब्बास के पास फिलिस्तीन के बारे में जानकारी जरूर है, लेकिन वे इसके नेता नहीं बन सकते. ट्रंप ने स्पष्ट रूप से इजरायली जेल में बंद मारवान अल-बरगौती की रिहाई के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करने का फैसला किया है. उन्होंने बरगौती को तुरंत रिहा कराने की बात कही. हमास भी बरगौती को राष्ट्रपति बनाना चाहता है, जिन्हें 2002 से इजरायल ने। गिरफ्तार कर रखा है और वे फिलिस्तीनी प्रतिरोध का चेहरा माने जाते हैं।

कौन हैं महमूद अब्बास?

महमूद अब्बास वर्तमान में फिलिस्तीन प्राधिकरण के प्रमुख हैं और उन्होंने 2005 में यह जिम्मेदारी संभाली थी. वे यासर अराफात के बाद इस पद पर आए. 1935 में फिलिस्तीन के गलील में जन्मे अब्बास ने सीरिया से अपनी पढ़ाई पूरी की है. फिलिस्तीन प्राधिकरण के प्रमुख बनने से पहले वे इसके प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने यासर अराफात के साथ फिलिस्तीन आंदोलन में भाग लिया था और वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करते हैं और हालांकि, फिलिस्तीन में उनका विरोध भी होता है, क्योंकि कई लोग उन्हें अमेरिका और यूरोपीय देशों के इशारों पर काम करने वाला मानते हैं। हमास भी अब्बास को पसंद नहीं करता।

नई सरकार के गठन की कवायद

गाजा समझौते के बाद फिलिस्तीन में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. समझौते के अनुसार, नई सरकार में हमास की कोई भूमिका नहीं रहेगी. हालांकि, हमास ने स्पष्ट किया है कि वह गाजा में किसी भी बाहरी सरकार को। स्वीकार नहीं करेगा, जिससे गाजा के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।