टोक्यो ओलंपिक्स / मैरी कॉम ने किया खुलासा- उनके बाउट से 1 मिनट पहले उन्हें जर्सी बदलने के लिए कहा गया

Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2021, 10:26 AM
टोक्यो: छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी कॉम ने टोक्यो ओलंपिक में फ्लाईवेट (51 किग्रा) प्री क्वार्टर फाइनल में हार के बाद खुलासा किया है कि बाउट से ठीक एक मिनट पहले आयोजकों की ओर से उनसे जर्सी बदलने को कहा गया था। मैरी कॉम को गुरुवार को प्री क्वॉर्टर फाइनल में कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया से करीबी मुकाबले में 3-2 हार का सामना कर बाहर होना पड़ा था।

मैरी कॉम ने मुराबले में हार के बाद शुक्रवार को इस संबंध में ट्वीट किया और लिखा, 'हैरान करने वाला...क्या आप बता सकते हैं कि रिंग ड्रेस क्या होगी।। मुझे मेरे प्री क्वॉर्टर फाइनल से ठीक पहले रिंग ड्रस बदलने को कहा गया। क्या कोई इसे समझा सकता है।' 

मैरी कॉम ने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय सहित खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और ओलंपिक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मैरी कॉम को मुकाबले से ठीक पहले जर्सी बदलने को कहा गया था। इस पर 'मैरी कॉम' लिखा था लेकिन आयोजनों ने कहा कि ड्रेस पर केवल पहला नाम हो सकता है और इसके बाद उन्हें एक ब्लैंक जर्सी दी गई।

मैरी कॉम ने पहले भी उठाए थे नतीजों पर सवाल

मैरी कॉम ने इससे पहले कल भी जजों के फैसलों पर सवाल उठाए थे। मैरी कॉम ने प्री क्वॉर्टर फाइनल में ‘खराब फैसलों’ के लिये अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार ठहराया था।

पीटीआई के अनुसार मैरी कॉम ने कहा, 'मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है?' 

मैरीकॉम ने कहा, 'मैं भी कार्यबल की एक सदस्य थी। मैं साफ सुथरी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिये उन्हें सुझाव भी दे रही थी और उनका सहयोग भी कर रही थी। लेकिन उन्होंने मेरे साथ क्या किया?' 

उन्होंने कहा, ‘मैं रिंग के अंदर भी खुश थी, जब मैं बाहर आयी, मैं खुश थी क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जानती थी कि मैं जीत गयी थी। जब वे मुझे डोपिंग के लिये ले गये तो भी मैं खुश थी। जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गयी थी।' 

मैरीकॉम ने कहा, ‘मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है। मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रैफरी ने उसका हाथ उठाया था। कसम खाती हूं कि मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गयी थी, मुझे इतना भरोसा था।' उन्होंने आगे कहा, ‘सबसे खराब बात है कि फैसले की समीक्षा या विरोध नहीं दर्ज करा सकते। ईमानदारी से कहूं तो मुझे भरोसा है कि दुनिया ने देखा होगा, उन्होंने जो कुछ किया, यह कुछ ज्यादा ही है।'

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