देश / मायावती का ऐलान- आगामी यूपी चुनाव में मुख्तार अंसारी समेत किसी माफिया को नहीं देंगे टिकट

Zoom News : Sep 10, 2021, 03:48 PM
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव में टिकट देने को लेकर स्थिति पूरी तरह से साफ कर दी है। बसपा इस बार आपराधिक छवि वालों को चुनाव नहीं लड़ाएगी। इसीलिए बसपा विधायक मुख्तार अंसारी का टिकट मऊ से टिकट काट दिया गया है। उनके स्थान पर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतारा जाएगा।

बसपा ने वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को मऊ और उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दिया था। मुख्तार अंसारी तो मऊ से चुनाव जीत गए, लेकिन उनका बेटा अब्बास अंसारी घोषी में भाजपा उम्मीदवार फागू चौहान से चुनाव हार गया। फागू चौहान को 88298 और अब्बास अंसारी को 81295 वोट मिले। मुख्तार अंसारी के परिजन सपा का दामन थाम रहे हैं।

शुक्रवार सुबह मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।

बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।

आपराधिक छवि वालों को नहीं मिलेगा टिकट 

आपको बता दें कि  बुधवार को बसपा सुप्रीमो ने मुख्य सेक्टर प्रभारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक में टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा के दौरान ही कहा कि इस बार आपराधिक छवि वालों को टिकट देने से बचना है। इसीलिए नाम भेजते समय इसका जरूर ध्यान रखा जाए। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान मुख्तार को मऊ से टिकट न देने की भी बात आई। उनके स्थान पर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट देने पर विचार-विमर्श हुआ।

प्रदेश अध्यक्ष राजभर बिरादरी से आते हैं। बसपा में राजभर नेताओं में रामअचल राजभर हुआ करते थे, लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसीलिए राजभर बिरादरी का साथ पाने के लिए भीम राजभर को आगे बढ़ाया जा रहा है। मायावती ने 7 सितंबर को प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के समापन के दौरान उन्हें अपने साथ मंच पर बैठाकर इस समाज के लोगों को संदेश देने का काम किया।

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