Meesho IPO / मीशो आईपीओ की शानदार लिस्टिंग: निवेशकों को पहले दिन 53% से अधिक का मुनाफा

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो के शेयरों ने घरेलू बाजार में शानदार शुरुआत की, ₹111 के आईपीओ शेयर ₹161.20 और ₹162.50 पर लिस्ट हुए। निवेशकों को करीब 46% का लिस्टिंग गेन मिला। पहले कारोबारी दिन के अंत तक, शेयर ₹170.20 पर बंद हुआ, जिससे आईपीओ निवेशकों को 53.33% का मुनाफा हुआ।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो के शेयरों ने आज घरेलू शेयर बाजार में एक मजबूत शुरुआत की है। कंपनी के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, जिसने लिस्टिंग के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार किया। ₹111 प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर जारी किए गए मीशो के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर ₹161. 20 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ₹162 और 50 पर सूचीबद्ध हुए। यह लिस्टिंग आईपीओ निवेशकों के लिए लगभग 46% का तत्काल लिस्टिंग गेन लेकर आई, जिससे शुरुआती उत्साह काफी बढ़ गया।

लिस्टिंग के बाद शेयरों का प्रदर्शन

हालांकि, लिस्टिंग के तुरंत बाद शेयरों में थोड़ी देर के लिए मुनाफावसूली देखी गई, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपनी गति पकड़ ली। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े, BSE पर यह ₹177. 55 के उच्च स्तर पर पहुंच गया। दिन के अंत में, हल्की मुनाफावसूली के बावजूद, मीशो का शेयर ₹170. 20 पर बंद हुआ और इसका मतलब यह है कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर, आईपीओ निवेशकों को उनके निवेश पर 53. 33% का प्रभावशाली मुनाफा हुआ है, जो कंपनी के प्रति बाजार के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

आईपीओ को मिला जबरदस्त रिस्पांस

मीशो का ₹5,421. 20 करोड़ का आईपीओ 3 से 5 दिसंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली, और यह कुल मिलाकर 81. 76 गुना सब्सक्राइब हुआ। विभिन्न निवेशक श्रेणियों में भी मजबूत भागीदारी देखी गई। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 123. 34 गुना (एंकर निवेशकों को छोड़कर) भरा, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 39 और 85 गुना सब्सक्राइब हुआ। खुदरा निवेशकों ने भी उत्साह दिखाया और उनका हिस्सा 19. 89 गुना भरा, जो कंपनी की विकास क्षमता में व्यापक विश्वास को दर्शाता है और

आईपीओ फंड का उपयोग

इस इश्यू के तहत ₹4250 करोड़ के नए शेयर जारी किए गए हैं, जबकि ₹1 की फेस वैल्यू वाले 10,55,13,839 शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल से प्राप्त धन शेयर बेचने वाले मौजूदा निवेशकों को मिला है और वहीं, नए शेयरों के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग कंपनी के भविष्य के विकास और विस्तार के लिए किया जाएगा। इसमें से ₹1,390. 00 करोड़ मीशो की सहायक कंपनी एमटीपीएल के क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर। में निवेश किए जाएंगे, जिससे इसकी तकनीकी क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।

कर्मचारियों और मार्केटिंग पर निवेश

इसके अतिरिक्त, ₹480. 00 करोड़ एमटीपीएल के कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किए। जाएंगे, जो कंपनी के मानव संसाधन में निवेश को दर्शाता है। मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए ₹1,020 और 00 करोड़ एमटीपीएल के मार्केटिंग पर खर्च किए जाएंगे, जिससे कंपनी की बाजार पहुंच और ब्रांड पहचान बढ़ेगी। शेष राशि का उपयोग अधिग्रहण के माध्यम से इनऑर्गनिक ग्रोथ और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जो मीशो की रणनीतिक विस्तार योजनाओं का हिस्सा है।

मीशो: एक उभरता हुआ ई-कॉमर्स दिग्गज

वर्ष 2015 में स्थापित, मीशो एक मल्टी-साइडेड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ई-कॉमर्स को बढ़ावा देता है। यह उपभोक्ताओं, विक्रेताओं, लॉजिस्टिक्स भागीदारों और कंटेंट क्रिएटर्स को एक साथ जोड़ता है। मीशो उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर उत्पादों तक पहुंच प्रदान करता है, जबकि विक्रेताओं को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए एक लागत प्रभावी मंच प्रदान करता है। इसका ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म 'मीशो' ब्रांड नाम से संचालित होता है, और इसका लॉजिस्टिक्स नेटवर्क 'वाल्मो' के नाम से चलता है।

बाजार में मजबूत स्थिति

मीशो ने ई-कॉमर्स सेगमेंट में तेजी से अपनी जगह बनाई है और बहुत कम समय में एमेजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipकार्ट) जैसे स्थापित दिग्गजों को कड़ी टक्कर दी है और रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले 12 महीनों (30 सितंबर तक) में, मीशो भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, जिस पर सबसे अधिक ऑर्डर प्लेस किए गए हैं। यह इसकी बढ़ती लोकप्रियता और बाजार में मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण

कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य की बात करें तो, वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹1,671 और 90 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था। अगले वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा घटकर ₹327 और 64 करोड़ पर आ गया, जो एक महत्वपूर्ण सुधार था। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में घाटा बढ़कर ₹3,941. 71 करोड़ पर पहुंच गया और इस अवधि के दौरान, कंपनी की कुल आय सालाना लगभग 30% की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹9,900. 90 करोड़ पर पहुंच गई, जो राजस्व वृद्धि में निरंतरता को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में, कंपनी को ₹700. 72 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था और ₹5,857. 69 करोड़ की कुल आय हासिल हुई थी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कंपनी पर पिछले कुछ वित्त वर्षों से फिलहाल कोई कर्ज नहीं है, जो इसकी वित्तीय स्थिरता का एक सकारात्मक संकेत है।