VIRAL NEWS / हवा में फैल सकता है मंकीपॉक्स वायरस, गर्भवती महिलाओं को कितना खतरा? जानें

Zoom News : Jun 08, 2022, 05:21 PM
नई दिल्लीः दुनिया में मंकीपॉक्स के केस दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। ये बीमारी 30 से ज्यादा देशों में फैल चुकी है। 800 से अधिक मरीजों में इसके वायरस की पुष्टि हो चुकी है। इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि मंकीपॉक्स बीमारी हवा के जरिए फैल सकती है। उनका कहना है कि जिस तरह कोरोना का वायरस हवा में फैलता है, उसी तरह मंकीपॉक्स भी इसके मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में एक्सपर्ट्स ने नाइजीरिया में फैले मंकीपॉक्स का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि नाइजीरिया की एक जेल में 2017 में मंकीपॉक्स बीमारी फैली थी। वहां रहने वाले कैदियों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को भी इसने अपनी चपेट में ले लिया था। ऐसे भी लोग इस बीमारी के शिकार बन गए थे, जो इसके मरीजों के कभी संपर्क में नहीं आए थे। इससे लगता है कि मंकीपॉक्स बीमारी भी कुछ मामलों में हवा के जरिए फैल सकती है।

US ने मास्क की सलाह दी, फिर पलटा

हालांकि अमेरिका के सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के मंकीपॉक्स को लेकर अपने पिछली घोषणा से पलटने के बाद कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। सेंटर ने शुरू में मास्क पहनने की सलाह दी थी, लेकिन बाद में उस सलाह को रद्द कर दिया। कोरोना महामारी फैलने के शुरुआती चरणों में भी सेंटर की तरफ से कुछ ऐसा ही किया गया था। इस बीच, ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने मंकीपॉक्स के बढ़ते केसों को देखते हुए इसे उल्लेखनीय संक्रामक रोग करार दिया है। UKHSA में मंकीपॉक्स मामलों में निदेशक वेंडी शेफर्ड ने एक ब्रिटिश मेडिकल जर्नल से कहा कि मंकीपॉक्स को आगे फैलने से रोकना है तो इसका तेजी से इलाज करना होगा और संदिग्ध मरीजों की सूचना देकर उन्हें आइसोलेट करना होगा। मंकीपॉक्स को उल्लेखनीय संक्रामक रोग करार दिए जाने से इसकी पहचान, इलाज और रोकथाम में तेजी आएगी।

गर्भवती महिलाओं को खतरा?

ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या मंकीपॉक्स बीमारी गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है। इसके बारे में कांगो में हुई एक स्टडी का हवाला दिया जा रहा है। तब मंकीपॉक्स प्रभावित 216 महिलाओं पर स्टडी की गई थी, जिसमें हर 5 में 4 महिलाओं को मिसकैरिज हो गया था। उनके अजन्मे बच्चों की जांच में वायरस और उसके अंश मिले थे।


वैक्सीन के साइड इफेक्ट की अफवाह

कुछ ऐसी अफवाहें भी सोशल मीडिया पर उड़ रही हैं कि मंकीपॉक्स बीमारी का ये नया रूप दरअसल कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट है। इसके लिए एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन में इस्तेमाल चिंपैंजी के एडीनोवायरस वेक्टर का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि एक्सपर्ट्स इसे कोरी अफवाह बता रहे हैं। उनका कहना है कि मंकीपॉक्स का पॉक्स वायरस और कोविड वैक्सीन में इस्तेमाल एडीनोवायरस बिल्कुल अलग फैमिली से हैं, जिनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है। गाचोन यूनिवर्सिटी गिल मेडिकल सेंटर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर ईओम जंग-शिक बताते हैं कि वैक्सीन से इंसानों के अंदर कोई नया वायरस पैदा नहीं हो सकता।

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