नई दिल्ली / मोटर व्हीकल एक्ट पास: नाबालिग ने एक्सीडेंट किया तो पेरेंट्स को 3 साल तक की जेल

Dainik Bhaskar : Aug 01, 2019, 10:27 AM
नई दिल्ली. सड़क हादसे कम करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के सख्त प्रावधानों पर बुधवार को राज्यसभा ने भी मुहर लगा दी। मोटर व्हीकल संशोधन बिल राज्यसभा में 13 के मुकाबले 108 वोटों से पारित हुआ। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर सख्त सजा से जुड़ा यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन टाइपिंग की गलती के कारण इसे संशोधन के लिए दोबारा लोकसभा में भेजा जाएगा। बिल में प्रावधान है कि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए एक्सीडेंट करता है, तो उसके पेरेंट्स को 3 साल तक जेल होगी। वाहन रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा। जुर्माने की रकम भी कई गुना बढ़ाई गई है।  

2 की बजाय 10 हजार जुर्माना

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। थर्ड पार्टी बीमा भी जरूरी है। हिट एंड रन के मामले में मौत होने पर 2 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा, जो पहले 25 हजार था। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने करीब तीन घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा की मंजूरी के बाद इसी हफ्ते यह बिल राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक- राष्ट्रपति के दस्तखत होने के बाद अगस्त के मध्य तक बढ़ी हुई पेनाल्टी लागू हो जाएगी। इस कानून से राज्यों के अधिकारों में कोई कटौती नहीं होगी। सभी राज्य सरकारें अपनी सुविधा के अनुसार राष्ट्रीय परिवहन नीति लागू कर सकेंगी। 

बिल के मुख्य बिंदु 

बगैर हेलमेट या ओवरलोड दोपहिया वाहन पर 3 महीने के लिए ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य। 

बगैर हेलमेट पर एक हजार रुपए और ओवर लोडिंग पर दो हजार रुपए जुर्माना। 

नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना और 3 साल की सजा। जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला चलेगा। 

ओला, उबर के वाहन लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन पर कंपनियों पर 25 हजार से 1 लाख रु. जुर्माना। 

एंबुलेंस को रास्ता न देने पर एक हजार का जुर्माना। 

हादसे में घायल का फ्री में इलाज करना होगा। 

ड्राइवर और क्लीनर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होगा। हादसे में मृत्यु पर 50 हजार से 5 लाख रुपए तक मुआवजे का प्रावधान है। अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत पर 25 हजार से 2 लाख और घायल होने पर साढ़े 12 से 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। 

मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा, जिसमें सड़क पर चलने वाले सभी चालकों का इंश्योरेंस होगा। इसका इस्तेमाल घायल के इलाज और मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा देने के लिए किया जाएगा। 

लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वेरीफिकेशन अनिवार्य। कमर्शियल लाइसेंस 3 के बजाय 5 साल के लिए मान्य होंगे। 

लाइसेंस रिन्यूवल अब खत्म होने के एक साल के अंदर कराया जा सकेगा। ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे। नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलर करेगा। 

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