Mukesh Ambani News: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भारत अब एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ऐलान किया है कि उनकी कंपनी, जियो, भारत में दुनिया का सबसे बेहतरीन एआई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। यह घोषणा बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान की गई, जहाँ उन्होंने भारत को एक डीप-टेक नेशन में बदलने की दिशा में अपने दृष्टिकोण को साझा किया।
भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की नई शुरुआत
रिलायंस जियो का उद्देश्य देश में अत्याधुनिक एआई तकनीक का विकास करना है, जिसमें डेटा सेंटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके तहत, कोलकाता में स्थित जियो के मौजूदा डेटा सेंटर को अपग्रेड कर इसे एक मॉडिफाइड एआई-रेडी डेटा सेंटर में बदला जा रहा है। यह केंद्र अगले नौ महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा और अत्याधुनिक एआई क्षमताओं से लैस होगा।
मुकेश अंबानी का मानना है कि भारत को वैश्विक स्तर पर उन्नत मैन्युफैक्चरिंग और डीप-टेक इनोवेशन के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाना आवश्यक है, जिसमें एआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह इंफ्रास्ट्रक्चर न केवल भारतीय स्टार्टअप्स और उद्योगों को लाभ देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान करेगा।
चैटजीपीटी और डीपसीक को मिलेगी चुनौती?
मुकेश अंबानी के इस बड़े कदम से अमेरिकी एआई चैटबॉट चैटजीपीटी और चीन के डीपसीक को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल सकती है।
चैटजीपीटी कैसे काम करता है?
चैटजीपीटी एक उन्नत भाषा मॉडल है, जो गूगल की तरह विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान करता है। यह मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं के सवालों के स्पष्ट और सटीक उत्तर देता है।
डीपसीक: चीन की एआई क्रांति
डीपसीक को चीन ने चैटजीपीटी को टक्कर देने के लिए विकसित किया है। यह एआई वर्कलोड्स के लिए अनुकूलित जीपीयू और सीपीयू पर आधारित है, जिससे यह जटिल एल्गोरिदम को तेजी से प्रोसेस करने में सक्षम है।डीपसीक कंपनी की स्थापना 2023 में हांग्जो, चीन में Liang Wenfeng द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) को विकसित करना है, जिससे यह अधिक उन्नत और बहुप्रयोजन एआई सिस्टम तैयार कर सके।
भारत के लिए संभावनाएँ और भविष्य की योजनाएँ
भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से स्टार्टअप्स, टेक कंपनियों, और रिसर्च संस्थानों को नई संभावनाएँ मिलेंगी। रिलायंस जियो के इस कदम से भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख तकनीकी केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।मुकेश अंबानी की यह पहल भारतीय एआई इकोसिस्टम को मजबूती देने के साथ-साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक नई चुनौती पेश करेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में भारत एआई की इस दौड़ में कितनी तेजी से आगे बढ़ता है।