RIP / नहीं रहे तारक मेहता के नट्टू काका, एक्टर घनश्याम नायक का हुआ निधन

Zoom News : Oct 03, 2021, 08:27 PM
तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के नट्टू काका यानी एक्टर घनश्याम नायक (Ghanshyam Nayak) का निधन हो गया हैं. वह पीछे कई महीनों से कैंसर से पीड़ित थे. कुछ महीने पहले उनके दो ऑपरेशन्स भी हो चुके थे. वह 77 साल के हैं. उम्र के कारण वह रोजाना शूटिंग पर नहीं जा पाते थे लेकिन वह अभी भी तारक मेहता की टीम का हिस्सा थे.

मलाड के जिस हॉस्पिटल में उनका ट्रीटमेंट चल रहा था, वही उन्होंने आखिरी सांस ली. उम्र के कारण वह रोजाना शूटिंग पर नहीं जा पाते थे लेकिन वह अभी भी तारक मेहता की टीम का हिस्सा थे. आज शाम 5:30 बजे टीवी इंडस्ट्री के इस वेटेरन एक्टर का निधन हो गया है. उनके निधन की खबर जब तारक मेहता के कास्ट को पता चली, तो सभी लोग बेहद दुखी हो गए.

बागा की भूमिका निभाने वाले तन्मय वखेरिया ने कहा, “मुझे सबसे पहले खबर मिली क्योंकि उनके बेटे ने मुझे शाम 5:45 बजे फोन किया था कुछ महीने पहले अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी घनश्याम नायक की हालत में सुधार नहीं हो पाया था. आखिरकार कैंसर के सामने जिंदगी को हार माननी पड़ी और आज शाम 5:30 उन्होंने इस दुनिया से विदा ले लिया. ” आपको बता दें, घनश्याम नायक उर्फ नट्टू काका जेठालाल का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी के बेहद करीब थे.

वापस लौटने के लिए थे उत्सुक

कीमोथेरेपी के ट्रीटमेंट के बाद भी घनश्याम नायक को विश्वास था कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे और शूटिंग पर लौट आएंगे. इस दौरान उन्होंने कुछ एपिसोड की शूटिंग भी की थी. 3 महीने पहले जब अपने स्वास्थ्य के बारे में उन्होंने बात की थी, तब वह तारक के सेट पर वापस आने के लिए उत्साहित थे, उन्होंने कहा, “मैं बिल्कुल ठीक और स्वस्थ हूं. इतनी बड़ी समस्या नहीं है. वास्तव में, दर्शक मुझे कल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के एक एपिसोड में देखने को मिलेंगे. यह एक बहुत ही खास एपिसोड है और मुझे उम्मीद है कि उन्हें मेरा काम फिर से पसंद आएगा.”

मरते दम तक करना चाहते थे काम

घनश्याम नायक का कहना था कि वह एक कलाकार हैं और आखिरी दम तक काम करना चाहते हैं. उनकी इच्छा थी कि मौत भी उन्हें उनके परफॉर्मेंस के दौरान आएं. हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया. लेकिन गुजराती और हिंदी एंटरटेनमेंट और थिएटर इंडस्ट्री में उनका योगदान दर्शक हमेशा याद करेंगे. क्योंकि कलाकार का निधन जरूर होता हैं लेकिन उनकी कला उनके पीछे उनके अस्तित्व का दिया हमेशा जलाकर रखती हैं.

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