Punjab Congress Crisis / भाव न मिलने पर नरम पड़े सिद्धू? दिल्ली आ रहे, इस्तीफा वापसी की अटकलें

Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2021, 09:17 PM
Punjab Congress Crisis | पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के अध्यक्ष पद को लेकर संशय बरकरार है। इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार को दिल्ली बुलाया गया है। दिल्ली में सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के साथ-साथ भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे। वेणुगोपाल और हरीश रावत से सिद्धू की मुलाकात को उनके इस्तीफे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। सिद्धू ने पिछले महीने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नियुक्तियों और कैबिनेट में फेरबदल से नाराज होकर ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया था।

एआईसीसी महासचिव और पंजाब के पार्टी प्रभारी रावत ने कहा कि सिद्धू उनसे और एआईसीसी महासचिव (संगठन) वेणुगोपाल से राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात करेंगे और पार्टी की राज्य इकाई से संबंधित संगठनात्मक मामलों पर चर्चा करेंगे। रावत ने ट्वीट कर कहा 'नवजोत सिंह सिद्धू, अध्यक्ष पंजाब कांग्रेस 14 अक्टूबर को शाम 6 बजे वेणुगोपाल जी के कार्यालय में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संबंधित कुछ संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए मुझसे और वेणुगोपाल जी से मुलाकात करेंगे।"

सिद्धू के इस्तीफे पर अभी तक कोई फैसला नहीं

बता दें कि एआईसीसी ने सिद्धू के इस्तीफे पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, जबकि चन्नी और राज्य के कुछ नेता पंजाब कांग्रेस प्रमुख को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं। सिद्धू ने 2 अक्टूबर को एक ट्वीट करते हुए इशारों में कहा था, 'गांधी जी और शास्त्री जी के सिद्धांतों को बनाए रखेंगे। पोस्ट या नो पोस्ट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़े होंगे।'

ट्वीट में सिद्धू ने कहा था पंजाबियत की जीत होगी

उन्होंने कहा था, "सभी नकारात्मक ताकतों को मुझे हराने की कोशिश करने दें, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा के हर औंस से पंजाब को जीत मिलेगी, पंजाबियत (यूनिवर्सल ब्रदरहुड) की जीत होगी और हर पंजाबी की जीत होगी।" सिद्धू ने इससे पहले पार्टी विधायकों और नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संगठनात्मक ढांचे को लेकर बैठक किया था और विचार-विमर्श किया था। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के नए निकाय के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अभी बाकी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद जुलाई में सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाया गया था।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER