इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा एक बार फिर स्थगित हो गई है, यह तीसरी बार है जब उनका यह दौरा टला है। इजराइली मीडिया के अनुसार, दिसंबर 2025 में प्रस्तावित यह यात्रा सुरक्षा कारणों के चलते स्थगित की गई है। यह फैसला हाल ही में भारत की राजधानी दिल्ली में हुए एक भीषण ब्लास्ट के बाद। लिया गया है, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। इस घटना को राजधानी में पिछले एक दशक से भी अधिक समय में सबसे भीषण हमला माना जा रहा है, जिसने उच्च-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए सुरक्षा मूल्यांकन को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
तीसरी बार टली यात्रा
यह 2025 में तीसरी बार है जब इजराइली प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली की अपनी प्रस्तावित यात्रा को स्थगित किया है। बार-बार होने वाले ये स्थगन जटिल भू-राजनीतिक और घरेलू कारकों को दर्शाते हैं जो ऐसी उच्च-स्तरीय राजनयिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं और नेतन्याहू ने इससे पहले 2018 में भारत का दौरा किया था, और दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। हालांकि, लगातार स्थगन अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की अप्रत्याशित प्रकृति को उजागर करते हैं, खासकर जब यह सुरक्षा आकलन और घरेलू राजनीतिक कैलेंडर से जुड़ा हो।
दिल्ली ब्लास्ट से संबंध
इस नवीनतम स्थगन का प्राथमिक कारण नई दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद की सुरक्षा स्थिति है और इजराइली मीडिया रिपोर्टों में स्पष्ट रूप से इस निर्णय को हालिया आतंकवादी हमले से जोड़ा गया है, जिसने महत्वपूर्ण हताहतों का कारण बना और भारतीय राजधानी में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं। इस हमले की गंभीरता, जिसे एक दशक से अधिक समय में सबसे बुरा बताया गया है, ने स्पष्ट रूप से इजराइली सुरक्षा एजेंसियों। को इस समय यात्रा के खिलाफ सलाह देने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा गया है। यह संबंध क्षेत्रीय सुरक्षा घटनाओं के अंतरराष्ट्रीय यात्रा योजनाओं पर सीधे प्रभाव को रेखांकित करता है।
**पिछली बार क्यों टली थी यात्रा?
इस नवीनतम स्थगन से पहले, प्रधानमंत्री नेतन्याहू की यात्रा को 2025 में दो बार पहले भी स्थगित किया जा चुका था। सितंबर में, उनकी एक दिवसीय यात्रा रद्द कर दी गई थी क्योंकि यह इजराइल में 17 सितंबर को होने वाले दोबारा चुनावों की तैयारी के साथ समय के टकराव में थी। इसी तरह का स्थगन इस साल अप्रैल में हुए चुनावों से पहले भी हुआ था। ये पिछले स्थगन मुख्य रूप से इजराइल के घरेलू राजनीतिक कैलेंडर के कारण थे, जहां प्रधानमंत्री की उपस्थिति महत्वपूर्ण चुनावी अभियान और रणनीतिक योजना के लिए आवश्यक थी।
इजराइल के लिए यात्रा का महत्व
इजराइल के भीतर, भारत यात्रा को बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू द्वारा अपनी वैश्विक स्थिति और राजनयिक कौशल को प्रदर्शित करने के प्रयास के रूप में देखा गया। जुलाई में, उनकी पार्टी ने चुनावी पोस्टर लगाए जिनमें नेतन्याहू की तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ दिखाई गई थी। इन पोस्टरों का उद्देश्य नेतन्याहू को वैश्विक नेताओं की एक अलग लीग में काम करते। हुए दिखाना था, जो प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के साथ उनके मजबूत संबंधों पर जोर देता था। उनके चुनावी संदेश में प्रमुख रूप से इन संबंधों पर जोर दिया गया, जिससे उन्हें इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में प्रस्तुत किया गया।
अगले दौरे की उम्मीद
हालांकि वर्तमान यात्रा स्थगित कर दी गई है, i24NEWS द्वारा उद्धृत सूत्रों के अनुसार, अगले साल के लिए नई तारीखें तय होने की उम्मीद है, जो चल रहे सुरक्षा आकलनों पर आधारित होंगी। यह इंगित करता है कि भारत का दौरा करने का इरादा अभी भी मजबूत है, और दोनों पक्ष यात्रा को फिर से निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जब सुरक्षा स्थितियां उपयुक्त मानी जाएंगी। भारत और इजराइल के बीच राजनयिक चैनल सक्रिय रहने की संभावना है, जो प्रधानमंत्री नेतन्याहू के प्रधानमंत्री मोदी से मिलने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक उपयुक्त समय खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस उच्च-स्तरीय जुड़ाव की प्रत्याशा जारी है, जिसमें भविष्य में एक सुरक्षित और उत्पादक यात्रा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।