न्यूजीलैंड ने हैमिल्टन में खेले गए दूसरे वनडे मैच में मेहमान इंग्लैंड को करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ, न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली और सीरीज पर कब्जा जमा लिया। यह जीत न केवल सीरीज अपने नाम करने के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने न्यूजीलैंड के लिए एक लंबा इंतजार भी खत्म किया। कीवी टीम ने 17 साल बाद अपने घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीती है, जो उनकी क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इस प्रदर्शन ने इंग्लैंड के 'बैजबॉल' दृष्टिकोण की सीमाओं को भी उजागर किया है, खासकर वनडे प्रारूप में, जहां वे हाल के दिनों में संघर्ष कर रहे हैं।
दूसरा वनडे: न्यूजीलैंड की शानदार जीत
हैमिल्टन के सेडन पार्क में खेले गए दूसरे वनडे में, इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए खराब प्रदर्शन किया और पूरी टीम सिर्फ 175 रनों पर ढेर हो गई। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने अनुशासित प्रदर्शन किया और इंग्लिश बल्लेबाजों को कोई बड़ी साझेदारी बनाने का मौका नहीं दिया। जवाब में, न्यूजीलैंड ने रचिन रवींद्र और डेरिल मिचेल के शानदार अर्धशतकों की बदौलत लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। रवींद्र ने अपनी ऑलराउंड क्षमता का प्रदर्शन करते हुए बल्ले से भी योगदान दिया, जबकि मिचेल ने मध्यक्रम में स्थिरता प्रदान की और उन्होंने 34वें ओवर में 5 विकेट खोकर 176 रन बनाकर जीत हासिल की, जिससे उनकी घरेलू धरती पर सीरीज जीत सुनिश्चित हुई। इससे पहले, कीवी टीम ने बे ओवल में खेले गए पहले वनडे मैच में भी इंग्लिश टीम को 4 विकेट से हराया था, जिससे उनकी आत्मविश्वास में और वृद्धि हुई थी।
17 साल का सूखा हुआ खत्म
यह जीत न्यूजीलैंड के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 12 साल बाद वनडे सीरीज में जीत दर्ज की है। आखिरी बार न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ द्विपक्षीय वनडे सीरीज 2013 में घर के बाहर जीती थी। हालांकि, अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीतने का उनका इंतजार 17 साल लंबा था और आपको जानकर हैरानी होगी कि न्यूजीलैंड ने साल 2008 के बाद अपने घर पर इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीतने का यह बड़ा कारनामा किया है। यह जीत टीम के लिए न केवल वर्तमान फॉर्म को दर्शाती है, बल्कि भविष्य के लिए भी एक मजबूत नींव रखती है, खासकर आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों को देखते हुए।
इंग्लैंड के 'बैजबॉल' का बजा ढोल
दूसरी तरफ, इस करारी हार ने 2019 की विश्व चैंपियन इंग्लैंड की टीम की पोल खोलकर रख दी है और एक समय वनडे की सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली इंग्लैंड अब बेहद खराब दौर से गुजर रही है। विश्व कप 2023 के बाद से टीम जीत के लिए तरस गई है। उनके अत्यधिक आक्रामक 'बैजबॉल' दृष्टिकोण को, जो टेस्ट क्रिकेट में सफल रहा है, वनडे प्रारूप में निरंतरता बनाए रखने में मुश्किल हो रही है और विश्व कप के बाद से इंग्लिश टीम ने कुल 25 मैच खेले हैं और सिर्फ 8 में जीत नसीब हुई है, जबकि 17 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इस दौरान उन्होंने सात में से छह द्विपक्षीय सीरीज हारीं और चैंपियंस ट्रॉफी में तीन मैचों में तीन हार के साथ सेमीफाइनल में पहुंचने में नाकाम रही। यह प्रदर्शन उनकी रणनीति और टीम संयोजन पर गंभीर सवाल उठाता है।
न्यूजीलैंड के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि
न्यूजीलैंड के लिए, यह सीरीज जीत टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली है। रचिन रवींद्र और डेरिल मिचेल जैसे युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन टीम के भविष्य के लिए शुभ संकेत है। यह जीत न केवल एक रिकॉर्ड तोड़ती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि न्यूजीलैंड। की टीम किसी भी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपनी घरेलू परिस्थितियों में कितनी खतरनाक हो सकती है। यह उनकी योजना और एकजुट टीम प्रयास का परिणाम है, जिसने उन्हें इस महत्वपूर्ण उपलब्धि तक पहुंचाया।