US Presidential Election 2020 / यह भारतीय बनीं ट्रम्प की स्टार स्पीकर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रोचक मोड़

Vikrant Shekhawat : Aug 25, 2020, 12:39 PM
USA | अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में भारत का योगदान अहम माना जा रहा हैं। भारतीय मूल के निवासियों को लुभाने के लिए उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक ने कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं अब डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने निक्की हेली को उनका जवाब देने के लिए स्टार स्पीकर के तौर पर चुनाव मैदान में उतार दिया है। साउथ कैरोलिना में जन्मीं निक्की हेली का मूल नाम निम्रता रंधावा था। उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और माता राज कौर रंधावा पंजाब के अमृतसर से यहां आए थे। एक बयान में ट्रंप कैंपेन ने कहा, 'चार दिनों तक चलने वाला प्रेसिडेंट ट्रंप 2020 कंवेंशन महान अमेरिकी इतिहास का सम्मान करेगा। इस दौरान 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के एजेंडे को भी सबके सामने रखा जाएगा।' निक्की हेली के अलावा सम्मेलन के पहले दिन राष्ट्रपति ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और किंबर्ली गुइलफॉयल भी लोगों को संबोधित करेंगी। प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप सम्मलेन को व्हाइट हाउस स्थित रोज गार्डन से बुधवार को संबोधित करेंगी। ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में पहली बार होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने जहां कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भारतीय-अमेरिकियों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है वहीं रिपब्लिकन पार्टी ने निक्की हेली को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन स्टार वक्ताओं में शामिल किया है। एक दिन पहले ही भारतवंशियों को साधने के लिए ट्रंप ने मोदी के साथ वाले वीडियो साझा कर चुके हैं। रिपब्लिकन राष्ट्रीय अधिवेशन में डोनाल्ड ट्रंप को 3 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में पार्टी की तरफ से आधिकारिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। यह अधिवेशन चार दिनों तक चलेगा जिसमें दक्षिण कैरोलिना की दो बार गवर्नर रह चुकी एकमात्र भारतीय मूल की नेता निक्की हेली को ट्रंप अभियान ने मुख्य वक्ताओं की सूची में शामिल किया है। उन्हें रिपब्लिकन पार्टी के संभावित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में से एक माना जाता है।

रिपब्लिकन सम्मेलनों के उद्घाटन समारोह के दौरान बोलेते हुए निक्की हेली कहा कि मैं भारतीय प्रवासियों की गौरवशाली बेटी हूं। उन्होंने कहा कि “वे अमेरिका आए और एक छोटे से दक्षिणी शहर में बस गए। मेरे पिता ने पगड़ी पहनी थी। मेरी मां ने साड़ी पहनी थी। मैं एक ब्लैक एंड व्हाइट दुनिया में एक भूरी लड़की थी।”

उन्होंने कहा, “हमें भेदभाव और कठिनाई का सामना करना पड़ा। लेकिन मेरे माता-पिता ने कभी शिकायत और नफ़रत नहीं की। मेरी मां ने एक सफल व्यवसाय बनाया। मेरे पिताजी ने ऐतिहासिक रूप से ब्लैक कॉलेज में 30 साल तक पढ़ाया और दक्षिण कैरोलिना के लोगों ने मुझे अपनी पहली अल्पसंख्यक और पहली महिला गवर्नर के रूप में चुना।”

संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत रह चुकीं निक्की हेली ट्रंप परिवार के बेहद करीब हैं और कई हफ्तों से उनके चुनाव अभियान में आक्रामक प्रचार की योजना बना रही हैं। उनके अलावा राष्ट्रपति के बेटे जूनियर ट्रंप और वकील किम्बर्ली गुलफॉय प्रमुख वक्ता होंगे। सम्मेलन में उपराष्ट्रपति के बतौर 61 वर्षीय माइक पेंस को दोबारा नामित किया जाएगा।

यही नहीं भारत द्वारा टिकटॉक समेत एप बैन मामले में भी निकी ने भारत का समर्थन किया था। सुरक्षा का हवाला देकर भारत सरकार ने चीन की 59 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिए थे। इस सख्त फैसले का अमेरिका में जमकर स्वागत हुए। पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बयान दिया और फिर भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निकी हेली ने भी प्रशंसा की। उस समय संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि रह चुकीं निकी हेली ने इस विवाद पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत ने 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया, ये जानकर खुशी हुई। इनमें  टिकटॉक भी था, जो भारत में बड़ा मार्केट रखती है। निकी हेली ने आगे लिखा कि भारत लगातार दिखा रहा है कि वह चीन के आक्रामक रवैये के आगे झुकने वाला नहीं है।

अमेरिकियों पर रहेगा ट्रंप का फोकस

पार्टी के चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान ट्रंप का मुख्य फोकस अमेरिकी लोगों पर होगा। यह बात व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडॉज ने फाक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को चुनौती देने वाले बिडेन के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। यह चीज डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उनके भाषण में भी दिखाई दी। जब हम उनका भाषण देखते हैं तो यह लगभग वर्ष 2008 जैसा दिखाई देता है। ट्रंप ने प्रत्येक दिन कुछ न कुछ नया किया है। जबकि जो बिडेन बामुश्किल दो बिल ही पारित करा पाए। ट्रंप ने अपने शुरुआती 100 दिनों में इतना काम कर दिया जितना कि बिडेन अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में नहीं कर पाए।

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