
- भारत,
- 20-Mar-2020 01:31 PM IST
Nirbhaya Rapecase: आज एक बार फिर पूरे देश के सामने 16 दिसंबर, 2012 की उस रात की यादें ताजा हो गई हैं। निर्भया के साथ दर्दनाक हादसे को अंजाम देने वाले चार दरिंदों को आज सुबह फांसी पर लटका दिया गया। गुरुवार शाम तक दोषियों को उम्मीद थी कि उनकी फांसी टल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तिहाड़ जेल के अधिकारी ने बताया कि गुरुवार रात को मुकेश और विनय ने खाना खाया था, लेकिन अक्षय ने केवल चाय पी थी। जब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी तो विनय रोने लगा था, लेकिन बाकी तीनों बिल्कुल शांत थे। देर रात जब दोषियों को पता चला कि उनकी फांसी अब किसी हालत में नहीं टल सकती है, तो अचानक की उनके व्यवहार में बदलाव आ गया। तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषी खबर मिलते ही बेचैन हो उठे। रात भर दोषियों को नींद नहीं आई। वो बेचैन होकर अपने बैरक में ही टहलते रहे। फांसी का खौफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।शुक्रवार तड़के 3:15 बजे ही चारों दोषियों को उनके सेल से उठाया गया। दैनिक क्रिया के बाद चारों को नहाने के लिए कहा गया। उन चारों के लिए जेल प्रशासन की ओर से चाय मंगाई गई, लेकिन किसी ने भी चाय नहीं पी। इस दौरान विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और रो-रो कर माफी मांगने लगा।इस दौरान अन्य दोषी भी गिड़गिड़ाकर माफी मांगने लगे और रोने लगे। इसके बाद उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया गया। उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई। फांसी घर में लाने से पहले चारों को काले कुर्ते-पजामे पहनाए गए। फिर उनके हाथ पीछे की ओर बांध दिए गए। इसके बाद जब उन्हें फांसी घर लाया जाने लगा तो एक दोषी सेल में ही लेट गया और जाने से मना करने लगा। किसी तरह उसे पकड़ कर फांसी घर तक लाया गया। फांसी कोठी से कुछ दूर पहले ही उनके चेहरे को काले कपड़े से ढंका गया। इसके बाद उनके पैरों को भी बांधा गया ताकि वे ज्यादा छटपटा न पाएं और एक दूसरे से टकराएं नहीं।