UPI Payments / अब नहीं लगेगा UPI पेमेंट पर GST, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

सरकार ने साफ किया है कि 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह फैसला आम लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए राहत भरा है और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगा।

UPI Payments: सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, जो रोजमर्रा के लेनदेन के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं।

राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री का बयान

22 जुलाई 2025 को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस मुद्दे पर स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है। जीएसटी काउंसिल, जिसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं, टैक्स दरों और छूट से जुड़े फैसले लेती है। चौधरी ने यह भी जोड़ा कि यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लगाने की कोई योजना नहीं है, जिससे आम आदमी और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।

कर्नाटक में नोटिस से उपजा भ्रम

हाल ही में कर्नाटक में लगभग 6,000 व्यापारियों को यूपीआई ट्रांजैक्शंस के डेटा के आधार पर जीएसटी डिमांड नोटिस भेजे गए थे। इससे लोगों में यह डर फैल गया था कि सरकार यूपीआई पेमेंट्स पर टैक्स लागू कर सकती है। इस वजह से बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों में कई व्यापारी यूपीआई पेमेंट्स स्वीकार करने से हिचक रहे थे। हालांकि, सरकार के ताजा बयान ने इन आशंकाओं को पूरी तरह खत्म कर दिया है। अब लोग बिना किसी चिंता के यूपीआई का उपयोग कर सकते हैं।

यूपीआई: डिजिटल इंडिया का आधार

यूपीआई आज भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय माध्यम बन चुका है। छोटे-मोटे लेनदेन से लेकर बड़े पेमेंट्स तक, यह तेज, सुरक्षित और किफायती है। किराने की दुकान से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, यूपीआई ने हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है। 2024 में यूपीआई ट्रांजैक्शंस की संख्या 100 बिलियन को पार कर गई, जो डिजिटल इंडिया की सफलता को दर्शाता है।

आम आदमी और व्यापारियों के लिए फायदेमंद

सरकार का यह फैसला न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए भी लाभकारी है। यूपीआई ने छोटे व्यापारियों को अपने बिजनेस को डिजिटल बनाने में मदद की है, जिससे उनकी पहुंच और आय में वृद्धि हुई है। जीएसटी की आशंका खत्म होने से अब व्यापारी बिना किसी डर के यूपीआई पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं। यह कदम डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।

डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

यूपीआई पर जीएसटी न लगाने का फैसला डिजिटल इंडिया मिशन को और गति देगा। यह कदम नकदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारदर्शिता और सुविधा को भी प्रोत्साहित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से यूपीआई का उपयोग और बढ़ेगा, जिससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।