- भारत,
- 19-Aug-2025 01:25 PM IST
Vice President Election: इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में आंध्र प्रदेश से आने वाले पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा की है। रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। इस फैसले की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की।
सर्वसम्मति से हुआ रेड्डी का चयन
मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि विपक्षी दलों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद बी सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति बनी। आम आदमी पार्टी (आप) सहित गठबंधन के सभी प्रमुख दलों ने रेड्डी के नाम का समर्थन किया है। खरगे ने कहा, "हमने सभी सहयोगी दलों के साथ चर्चा की और रेड्डी के अनुभव और योग्यता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।"
सरकार के साथ सहमति नहीं बन पाई
उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चयन को लेकर सरकार ने सभी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिश की थी, लेकिन यह प्रयास असफल रहा। एनडीए ने दो दिन पहले तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विपक्षी दलों से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला।
तिरुचि शिवा के नाम की भी थी चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, बी सुदर्शन रेड्डी से पहले डीएमके नेता तिरुचि शिवा के नाम पर भी विचार किया गया था। हालांकि, इंडिया गठबंधन ने अंततः तेलंगाना के सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। यह निर्णय दक्षिण भारत में गठबंधन की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी?
बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 1946 में आंध्र प्रदेश में हुआ था। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री हासिल की और मशहूर वकील प्रताप रेड्डी के अधीन अपने करियर की शुरुआत की।
1988: रेड्डी को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त किया गया।
1993: उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया।
2005: गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति।
2007-2011: सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्य किया।
2013: गोवा का लोकायुक्त नियुक्त किए गए।
रेड्डी ने अपने लंबे करियर में न्यायिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनकी नियुक्तियों और फैसलों ने उन्हें एक सम्मानित व्यक्तित्व बनाया है।
रेड्डी को उम्मीदवार बनाने के पीछे की रणनीति
एनडीए द्वारा तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाए जाने को दक्षिण भारत में राजनीतिक आधार मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इसके जवाब में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने तेलंगाना के बी सुदर्शन रेड्डी को चुना, ताकि दक्षिण भारत में अपनी स्थिति को और मजबूत किया जा सके।
इसके अलावा, सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण की प्रक्रिया के प्रमुख रहे हैं। उनके नेतृत्व में तेलंगाना में यह सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार जातिगत जनगणना (कास्ट सेंसस) का मुद्दा उठाया है, और रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर पार्टी इस मुद्दे को और अधिक प्रखरता से उठाना चाहती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव का महत्व
उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दक्षिण भारत में दोनों गठबंधनों की ताकत को परखने का एक मौका भी है। रेड्डी के अनुभव और उनकी सामाजिक-न्यायिक पृष्ठभूमि को देखते हुए इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि वह इस चुनाव में मजबूत स्थिति में रहेगा।
