देश / भारत में कभी मुस्लिम वोट बैंक नहीं था, अगर ऐसा होता तो बाबरी और ज्ञानवापी में ये नहीं होता: ओवैसी

Zoom News : May 14, 2022, 07:42 PM
नई दिल्ली: ऑल इंडिया अजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने बाबरी (Babri Masjid) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के नाम पर एक बार फिर से मुस्लिम कॉर्ड खेलने की कोशिश की है। हैदराबाद में पार्टी के एक कार्यक्रम में पहुंचे। पार्टी के इस कार्यक्रम में देश के अलग अलग राज्यों से भी विधायक पहुंचे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए औवैसी ने तीखे बोल बोले और कहा भारत में कभी भी मुस्लिम वोट बैंक नहीं था अगर ऐसा होता तो जो बाबरी मस्जिद के साथ हुआ और जो आज ज्ञानवापी मस्जिद के साथ हो रहा है वह नहीं होता।

इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में मुस्लिमों की कम संख्या को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा मुस्लिम समुदाय कभी भी देश के शासन को नहीं बदल सकता। अगर यह संभव होता तो बाबरी मस्जिद पर कोर्ट का जो आदेश आया वह कभी नहीं आता और अब हमारे सामने ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा सामने आ गया।

मुसलमानों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा है

एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि आपको गुमराह किया जा रहा है। मुसलमान हमेशा यही सोचते हैं कि वह वोट बैंक हैं लेकिन भारत में कभी कोई मुस्लिम वोट बैंक नहीं था और न ही भविष्य में होगा। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुसंख्यक वोट बैंक था और हमेशा रहेगा। उन्होंने पूछा कि अगर हम शासन बदल सकते हैं तो फिर आज संसद में मुसलमानों की संख्या कम क्यों हैं। उन्होंने पूछा कि बताइए कब आखिरी बार गुजरात से मुस्लिम सांसद हुआ था।

इतना ही नहीं ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और सपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने तीनों ही पार्टियों पर मुसलमानों को धोखा देने का आरोप लगाया। दरअसल असदुद्दीन की मुस्लिम वोट बैंक को लेकर यह टिप्पणी वाराणसी की अदालत की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति के संदर्भ में आई है। उन्होने अदालत के फैसले को पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन करार दिया है।

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