Pakistan / पाकिस्तान का '10 अप्रैल' से खास कनेक्शन, इमरान सरकार के गिरने के अलावा इतिहास में दर्ज हैं ये बड़ी घटनाएं

Zoom News : Apr 10, 2022, 11:56 AM
पाकिस्तान के इतिहास में 10 अप्रैल बेहद खास दिन है. इसी दिन पाकिस्तान में संविधान लागू हुआ. इसके अलावा वहां की राजनीति में भी बड़े बदलाव हुए. अब इस दिन के इतिहास में इमरान खान सरकार का चले जाना भी शामिल हो गया है. आइए बताते हैं कि 10 अप्रैल को पाकिस्तान में क्या बड़े बदलाव हुए हैं.

इसी दिन लागू हुआ संविधान

15 अगस्‍त 1947 की आधी रात को भारत के टूटने से पाकिस्तान बना. ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटन ने 14 अगस्त को पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दे दिया था. इसलिए पाकिस्तान में आजादी का जश्न 14 अगस्त को ही मनाया जाता है. पाकिस्तान में लंबे सैनिक शासन के खात्मे के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो एक लोकतांत्रिक नेता के रूप में उभरे. 1973 में उन्होने पहली बार पाकिस्तान में संविधान लागू करवाया. पाकिस्तान के संविधान को वहां आईन-ए-पाकिस्तान और दस्तूर-ए-पाकिस्तान कहा जाता है. पाकिस्तान का संविधान, संविधान सभा द्वारा 10 अप्रैल, 1973 को पारित और 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ. इस का प्रारूप जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया.

बेनजीर लौटीं थी पाकिस्तान

धर्म के नाम पर बंटे पाकिस्तान में जहां एक और महिलाएं आज भी अध‍िकार की लड़ाई लड़ रही हैं, वहीं बेनजीर भुट्टो वहां की पहली महिला प्रधानमंत्री रही थीं. वो न सिर्फ पाकिस्‍तान की 11वीं प्रधानमंत्री, बल्‍क‍ि किसी भी मुस्‍ल‍िम देश का नेतृत्‍व करने वाली पहली महिला बनीं. साल 1977 में ऑक्‍सफोर्ड से ग्रेजुएट होने के बाद बेनजीर विदेश सेवा में जाना चाहती थीं. तब उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री थे. साल 1979 में उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दे दी गई. इतना ही नहीं, भुट्टो परिवार को नजरबंद कर दिया गया और उन्‍हें मुल्‍क से बाहर का रास्‍ता देखना पड़ा. भुट्टो परिवार को ब्रिटेन में निर्वासन पर जाना पड़ा. इसके बाद के 7 साल में बेनजीर भुट्टो पाकिस्‍तान में काफी लोकप्रिय हो चुकी थीं. साल 1986 में 10 अप्रैल को ही बेनजीर भुट्टो निर्वासन से लौटीं. वो साल 1988 में चुनाव जीतकर पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी.

इस साल हुई इमरान की विदाई

इस साल भी पाकिस्तान में 10 अप्रैल का दिन इतिहास में दर्ज होगा. 10 अप्रैल को पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए कुर्सी से हटा दिया गया है. कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कल (शनिवार को) देर रात इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसके समर्थन में 174 वोट पड़े. इसके बाद इमरान खान के हाथ से पाकिस्तान की सत्ता चली गई.

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