Online Payment / PhonePe को मिला RBI से बड़ा तोहफा, डिजिटल पेमेंट सेक्टर में बढ़ेगा दबदबा

भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवाली से पहले फिनटेक कंपनी फोनपे को बड़ी राहत दी है। फोनपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर मंजूरी मिल गई है। अब यह कंपनी दुकानदारों और छोटे-बड़े बिजनेसमैन को पेमेंट कलेक्शन और सेटलमेंट की सुविधा दे सकेगी। इससे फोनपे अपने मर्चेंट नेटवर्क का विस्तार कर पाएगा।

Online Payment: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फिनटेक कंपनी फोनपे को दीपावली से पहले एक बड़ा तोहफा दिया है। आरबीआई ने फोनपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद फोनपे अब दुकानदारों और छोटे-मध्यम व्यवसायों (SME) को आसानी से ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करने और सेटल करने की सुविधा प्रदान कर सकेगी। अभी तक फोनपे को केवल ऑनलाइन पेमेंट्स की अनुमति थी, लेकिन अब यह कंपनी अपने मर्चेंट नेटवर्क का विस्तार करते हुए और अधिक व्यवसायों को डिजिटल भुगतान की सुविधा देगी।

आरबीआई की मंजूरी और इसका महत्व

बीते शुक्रवार को फोनपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की औपचारिक अनुमति मिली। इस कदम से फोनपे को अपने मर्चेंट नेटवर्क को और मजबूत करने का मौका मिलेगा, खासकर छोटे और मध्यम व्यवसायों (SME) के लिए। फोनपे के मर्चेंट बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीबीओ) युवराज सिंह शेखावत ने कहा, "इस मंजूरी के साथ, फोनपे उन व्यवसायों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की स्थिति में होगा, जो पहले डिजिटल पेमेंट्स के मामले में सीमित विकल्पों से जूझ रहे थे। हमारा विशेष फोकस SME सेगमेंट पर है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।"

यह मंजूरी फोनपे को अपने पेमेंट गेटवे को और उन्नत करने में मदद करेगी। यह गेटवे मर्चेंट्स को तुरंत ऑनबोर्ड करने, डेवलपर्स के लिए आसान इंटीग्रेशन प्रदान करने और पेमेंट सक्सेस रेट को बढ़ाने के लिए एक सहज चेकआउट अनुभव प्रदान करता है।

ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर क्या है?

ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसी सेवा है, जो व्यवसायों (मर्चेंट्स) को अपने ग्राहकों से ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने में मदद करती है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में काम करती है:

  1. मर्चेंट ऑनबोर्डिंग: कोई भी व्यवसाय, जैसे ऑनलाइन स्टोर या सर्विस प्रोवाइडर, पेमेंट एग्रीगेटर के साथ साइन अप करता है। इस दौरान मर्चेंट की KYC और बिजनेस डिटेल्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी की जाती है।

  2. पेमेंट गेटवे इंटीग्रेशन: एग्रीगेटर मर्चेंट की वेबसाइट या ऐप में अपना पेमेंट गेटवे इंटीग्रेट करता है। यह एक डिजिटल "कैश काउंटर" की तरह काम करता है, जो भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाता है।

  3. मल्टिपल पेमेंट ऑप्शन्स: एग्रीगेटर कई भुगतान विकल्पों को सपोर्ट करता है, जैसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड, UPI, नेट बैंकिंग, और डिजिटल वॉलेट्स (जैसे फोनपे, गूगल पे)। ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार भुगतान का तरीका चुन सकते हैं।

  4. पेमेंट प्रोसेसिंग: जब ग्राहक भुगतान करता है, तो एग्रीगेटर इसे प्रोसेस करता है। यह बैंकों, कार्ड नेटवर्क (जैसे वीजा, मास्टरकार्ड), और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ समन्वय करता है। सफल भुगतान पर ग्राहक को कन्फर्मेशन मिलता है, और यदि भुगतान असफल होता है, तो उसका कारण भी स्पष्ट किया जाता है।

फोनपे का सफर और उपलब्धियां

2016 में स्थापित फोनपे भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में से एक बन चुकी है। कंपनी के पास 65 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स और 4.5 करोड़ मर्चेंट्स का विशाल नेटवर्क है। फोनपे प्रतिदिन 36 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन्स को प्रोसेस करता है। इसका पोर्टफोलियो केवल पेमेंट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लेंडिंग, इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन, वेल्थ प्रोडक्ट्स, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स (पिनकोड), और इंडस ऐपस्टोर जैसे क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुका है।

फोनपे के लिए आगे की राह

आरबीआई की इस मंजूरी के बाद फोनपे को अपने डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को और विस्तार करने का मौका मिलेगा। यह छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फोनपे अब और अधिक मर्चेंट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर लाने, डिजिटल भुगतान को और सरल बनाने, और SME सेगमेंट को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इस कदम से न केवल फोनपे को बल्कि भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र को भी नई गति मिलेगी, जो देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक समावेशी और डिजिटल बनाने में मदद करेगा।