PM Modi Jordan Visit / पीएम मोदी और जॉर्डन के किंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता- 'आतंकवाद के खिलाफ हमारा रुख एक जैसा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की। द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख पर जोर दिया। व्यापार, डिजिटल प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की विदेश यात्रा के पहले चरण में सोमवार को जॉर्डन पहुंचे, जहां उन्होंने किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और यह यात्रा किंग अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर हुई है और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। अम्मान में हुसैनीया पैलेस में किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

गर्मजोशी भरा स्वागत और द्विपक्षीय जुड़ाव

प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचने पर किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन द्वारा किए गए भव्य स्वागत के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। हुसैनीया पैलेस में हुई इस मुलाकात के दौरान, पीएम मोदी ने किंग अब्दुल्ला द्वितीय को उनकी दोस्ती और भारत के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए दिल से धन्यवाद दिया। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच दशकों पुराने मजबूत संबंधों और आपसी सम्मान को दर्शाती है, जो भविष्य में सहयोग के नए रास्ते खोलने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

वैश्विक चुनौतियों पर साझा दृष्टिकोण

किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के साथ अपनी बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली मुलाकातों को याद किया, जिसमें 2018 में भारत यात्रा के दौरान इस्लामिक विरासत पर एक कॉन्फ्रेंस में भागीदारी और 2015 में संयुक्त राष्ट्र के अवसर पर हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने पर केंद्रित एक इवेंट शामिल था और पीएम मोदी ने किंग अब्दुल्ला द्वितीय के संयम को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की, यह कहते हुए कि ये प्रयास न केवल क्षेत्रीय शांति बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस दिशा में मिलकर ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट मोर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जॉर्डन का रुख एक जैसा और साफ है। उन्होंने किंग अब्दुल्ला द्वितीय के नेतृत्व की सराहना की, यह कहते हुए कि उनके नेतृत्व में जॉर्डन ने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ पूरी इंसानियत को एक मजबूत और रणनीतिक संदेश दिया है। यह साझा प्रतिबद्धता वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए दोनों देशों के दृढ़ संकल्प को रेखांकित। करती है, और भविष्य में आतंकवाद विरोधी प्रयासों में गहरे सहयोग का मार्ग प्रशस्त करती है।

गाजा मुद्दे पर चर्चा

द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने गाजा के मुद्दे पर किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जॉर्डन दोनों ही इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली की उम्मीद करते हैं और यह चर्चा दर्शाती है कि दोनों नेता क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय चिंताओं को लेकर गंभीर हैं, और वे इस जटिल मुद्दे के समाधान के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं।

आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को गहरा करना

पीएम मोदी ने भारत-जॉर्डन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए किंग अब्दुल्ला द्वितीय के सकारात्मक विचारों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस साल भारत और जॉर्डन अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और पीएम मोदी ने इस मील के पत्थर को आने वाले कई वर्षों तक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए एक प्रेरणा बताया, यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को एक नई गति और गहराई प्रदान करेगी।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

दोनों नेताओं ने कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से व्यापार, उर्वरक, डिजिटल प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों का उल्लेख किया और इन क्षेत्रों में सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा और तकनीकी प्रगति तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे दोनों समाजों के बीच समझ और सद्भाव बढ़ेगा।

किंग अब्दुल्ला द्वितीय का साझेदारी पर दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच दशकों की मित्रता, आपसी सम्मान और सहयोग का प्रतीक बताया और उन्होंने कहा कि उनके देश एक मजबूत साझेदारी और अपने लोगों के लिए समृद्धि को आगे बढ़ाने की साझा इच्छा का लाभ उठाते हैं। किंग ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के। बीच सहयोग कई क्षेत्रों में बढ़ा है, जो भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

आर्थिक क्षितिज का विस्तार

किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा उद्योग, आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी), फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तैयार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। उन्होंने इन क्षेत्रों में पारस्परिक लाभ की संभावनाओं पर जोर दिया, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

भविष्य के सहयोग और बिजनेस फोरम

किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने यात्रा के दौरान समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर करने का गर्मजोशी से स्वागत किया, यह मानते हुए कि ये दस्तावेज सहयोग को आगे बढ़ाएंगे और नए रास्ते खोलेंगे। उन्होंने कल होने वाले जॉर्डन-भारत बिजनेस फोरम का भी इंतजार किया, जिसे व्यापार-से-व्यापार साझेदारी और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करने का एक अवसर बताया। किंग ने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच व्यापार का विस्तार करने, निवेश को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को मदद करेगा, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।