India-US Trade Deal / पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप से PM मोदी की बात, ट्रेड डील का किया रिव्यू

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर भारत-अमेरिका साझेदारी की समीक्षा की। उन्होंने व्यापार, तकनीक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। यह बातचीत रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के ठीक बाद हुई, जिस पर अमेरिकी संसद में भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण फोन वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। इस बातचीत का मुख्य केंद्र भारत-अमेरिका ट्रेड डील की स्थिति। और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर था। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के रिश्ते हर क्षेत्र में लगातार मजबूत हो रहे हैं, जो 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।

द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग पर जोर

फोन कॉल के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने विशेष रूप से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया और उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दोनों देश मिलकर इस क्षेत्र में और अधिक तेजी से काम करेंगे, ताकि व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है, और ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध दोनों देशों की आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। व्यापारिक समझौतों की समीक्षा का उद्देश्य बाधाओं को दूर करना और अधिक सुगम व्यापारिक वातावरण बनाना था, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके।

तकनीक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा में सहयोग का विस्तार

व्यापार के अलावा, दोनों नेताओं ने नई तकनीक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी विस्तृत चर्चा की। नई तकनीक में सहयोग का अर्थ नवाचार को बढ़ावा देना और डिजिटल परिवर्तन को गति देना है, जो आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के लिए आवश्यक है। ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी से ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। रक्षा और सुरक्षा सहयोग, जो पहले से ही मजबूत है, को और गहरा करने पर सहमति बनी, जिसमें संयुक्त अभ्यास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का मिलकर सामना करना शामिल है। ये सभी प्रयास भारत-अमेरिका COMPACT समझौते को मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे हैं, जिसका लक्ष्य 21वीं सदी में दोनों देशों की साझेदारी को और आगे बढ़ाना है। यह समझौता एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है जो विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को। निर्देशित करता है, जिससे एक अधिक स्थिर और समृद्ध वैश्विक व्यवस्था का निर्माण हो सके।

वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर साझा दृष्टिकोण

बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने कई वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए और उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देश मिलकर साझा चुनौतियों का सामना करेंगे और एक-दूसरे के हितों को आगे बढ़ाएंगे। इसमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं, जिन पर दोनों देशों का एक समान या पूरक दृष्टिकोण है। नेताओं ने नियमित रूप से संपर्क में बने रहने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की, जो उच्च-स्तरीय संवाद और समन्वय के महत्व को दर्शाता है। यह निरंतर संवाद वैश्विक मंच पर भारत और अमेरिका की भूमिका को मजबूत करता। है, जिससे वे अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अधिक प्रभावी ढंग से योगदान कर सकें।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के बाद की पृष्ठभूमि

यह महत्वपूर्ण बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब ठीक छह दिन। पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत का दौरा कर चुके थे। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में पुतिन के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की थी, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई थी। ट्रंप के साथ मोदी की बातचीत का यह समय भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाता है, जहां वह विभिन्न वैश्विक शक्तियों के साथ अपने संबंधों को संतुलित करता है। यह घटनाक्रम अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की जटिलताओं को उजागर करता है, जहां एक देश कई प्रमुख वैश्विक खिलाड़ियों के साथ एक साथ महत्वपूर्ण संबंध बनाए रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी का X पर संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप से मेरी बहुत गर्मजोशी भरी और अच्छी बातचीत हुई। हमने भारत-अमेरिका रिश्तों में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। भारत और अमेरिका आगे भी मिलकर वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए काम करते रहेंगे। ’ यह सार्वजनिक बयान बातचीत की सकारात्मक प्रकृति और दोनों नेताओं की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे वैश्विक समुदाय को एक स्पष्ट संदेश मिलता है कि भारत और अमेरिका एक मजबूत और सहयोगी भविष्य की ओर अग्रसर हैं।

अमेरिकी संसद में मोदी-पुतिन की तस्वीर पर चर्चा

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की एक साथ कार में बैठी तस्वीर अमेरिकी संसद में चर्चा का विषय बन गई और डेमोक्रेट्स सांसद कामलागर-डोव ने इस तस्वीर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘यह पोस्टर हजार शब्दों के बराबर है। ’ इसके बाद उन्होंने ट्रंप प्रशासन की भारत के प्रति विदेश नीति की कड़ी आलोचना की। कामलागर ने तर्क दिया कि भारत, अमेरिका का एक मजबूत सहयोगी रहा है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारत को मॉस्को की तरफ धकेल दिया है। उन्होंने पुतिन के हालिया दौरे को इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया। यह टिप्पणी अमेरिकी कांग्रेस के भीतर भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलताओं और विभिन्न भू-राजनीतिक कारकों के प्रभाव पर चल रही बहस को दर्शाती है। यह दर्शाता है कि कैसे एक तस्वीर भी अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की गहरी परतों। और विभिन्न देशों की विदेश नीतियों के परिणामों पर बहस छेड़ सकती है। कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई यह बातचीत भारत-अमेरिका संबंधों की निरंतर मजबूती और उनके रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है। यह दर्शाता है कि दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि वे अपने द्विपक्षीय सहयोग को भी लगातार गहरा कर रहे हैं।