PM Modi In G7 Summit / PM मोदी आज G-7 में बोलेंगे, ट्रंप और मेलोनी समेत 14 देशों के राष्ट्राध्यक्ष रहेंगे मौजूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 समिट में हिस्सा लेने कनाडा पहुंचे, जहां वे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली समेत कई नेताओं से मिलेंगे। कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने खालिस्तान पर कार्रवाई को व्यापार से जोड़ा। साइप्रस ने मोदी को सर्वोच्च सम्मान दिया। तुर्किए को भी कड़ा संदेश मिला। मोदी ने ईरान-इजरायल से शांति की अपील की।

PM Modi In G7 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं। यह सम्मेलन कनाडा के कनानास्किस शहर में आयोजित हो रहा है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली जैसे विश्व के सात प्रमुख लोकतांत्रिक देश हिस्सा ले रहे हैं। 51वें G-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे।

मोदी की द्विपक्षीय कूटनीति

G-7 समिट के इतर प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीएर स्टारमर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम से भी मुलाकात करेंगे।

हालांकि, खबर है कि राष्ट्रपति ट्रंप समिट के औपचारिक डिनर के बाद अचानक ही वाशिंगटन लौट जाएंगे, जिससे कुछ निर्धारित मुलाकातें प्रभावित हो सकती हैं।

खालिस्तान पर सख्त टिप्पणी

कनाडा यात्रा के दौरान खालिस्तान मुद्दा भी एक बार फिर चर्चा में आ गया है। कनाडा के वरिष्ठ पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक संबंध खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से सीधे तौर पर जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यदि कनाडा अपने बंदरगाहों और ट्रक उद्योग के माध्यम से खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, तो यह न केवल सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा है, बल्कि इसकी भारी आर्थिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।

बोर्डमैन ने स्पष्ट किया कि यदि कनाडा वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को गंभीरता से लेना चाहता है, तो उसे इन चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करनी होगी।

साइप्रस में मिला सर्वोच्च सम्मान

कनाडा रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस का दौरा किया, जहां उन्हें वहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टो-डोलिडेस ने यह सम्मान प्रधानमंत्री को भेंट करते हुए भारत-साइप्रस संबंधों को और मजबूत करने की बात कही।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है और यह दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की मजबूत नींव को दर्शाता है।

तुर्किए और वैश्विक शांति का संदेश

साइप्रस की ग्रीन लाइन पर जाकर प्रधानमंत्री मोदी ने परोक्ष रूप से तुर्किए को भी कड़ा संदेश दिया। यह लाइन साइप्रस के उस हिस्से को दर्शाती है जिस पर 1974 से तुर्किए ने अवैध कब्जा कर रखा है। वहां की यात्रा कर पीएम मोदी ने तुर्किए के विस्तारवादी रवैये को लेकर संकेत दिया कि भारत ज़ोर-ज़बरदस्ती की नीति के खिलाफ है।

साथ ही उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष पर भी चिंता जताई और दोनों देशों से अपील की कि वे बमबारी बंद कर बातचीत की मेज पर लौटें। मोदी ने स्पष्ट किया कि युद्ध की आग केवल सीमाओं में नहीं रहती, उसका असर पूरी दुनिया पर होता है।