- भारत,
- 27-Jun-2025 09:16 PM IST
PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2 जुलाई से पांच देशों की कूटनीतिक यात्रा पर रवाना होने वाले हैं, जो वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इस यात्रा की शुरुआत वह ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में 6-7 जुलाई को होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेकर करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए BRICS देशों को एकजुट करने की कोशिश कर सकते हैं।
पाकिस्तान को घेरने की रणनीतिBRICS समिट में मोदी का फोकस पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे पर रहेगा। सूत्रों के अनुसार, वह अन्य सदस्य देशों—ब्राज़ील, रूस, चीन, और दक्षिण अफ्रीका—से इस पर साझा स्टैंड लेने की अपील कर सकते हैं। यह भारत की उस नीति का हिस्सा है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।शी जिनपिंग की अनुपस्थिति, मोदी की बढ़ती लोकप्रियताब्राज़ील में होने वाले इस BRICS सम्मेलन से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूरी बना सकते हैं। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जिनपिंग की यह दूरी प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक लोकप्रियता को लेकर असहजता का परिणाम है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने मोदी को विशेष स्टेट डिनर के लिए आमंत्रित किया है, जो इस बढ़ती अहमियत का संकेत है।त्रिनिदाद, अर्जेंटीना, घाना और नामिबिया की यात्रा भी तयब्राज़ील के बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, घाना और नामिबिया का दौरा करेंगे। ये दौरे "ग्लोबल साउथ" के साथ भारत की कूटनीतिक भागीदारी को और मजबूत करने के मकसद से हो रहे हैं। इस दौरान विकास, ऊर्जा सहयोग, और व्यापार जैसे मुद्दों पर समझौते होने की संभावना है।ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बड़ी विदेश यात्रायह यात्रा हाल ही में हुए भारत के सैन्य मिशन “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पीएम मोदी की पहली बड़ी वैश्विक कूटनीतिक पहल होगी। इस ऑपरेशन के बाद मोदी की अंतरराष्ट्रीय छवि को और बल मिला है। एक नए अंतरराष्ट्रीय सर्वे के अनुसार, पीएम मोदी की वैश्विक अप्रूवल रेटिंग 78% है, जो उन्हें डोनाल्ड ट्रंप और अन्य प्रमुख नेताओं से कहीं आगे ले जाती है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहीं भी प्रभाव छोड़ने में असमर्थ साबित हो रहे हैं।