CM Nitish Kumar / बिहार में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव- CM नीतीश का बड़ा कदम

Zoom News : Nov 07, 2023, 05:35 PM
CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की बात कही है। उन्होंने विधानसभा में पेश जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े के लिए आरक्षण बढ़ना चाहिए। उन्होंने बकायदा एक फॉर्मूला भी बताया। नीतीश कुमार ने कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ा देना चाहिए और इसे 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर देना चाहिए। बाकी 10 प्रतिशत आरक्षण अपर कास्ट के आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को देना चाहिए। इस तरह से 75 प्रतिशत रिजर्वेशन हो जाएगा बाकी का 25 प्रतिशत को फ्री छोड़ दिया जाए।

हमने सभी दलों से बात की थी-नीतीश

नीतीश कुमार ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि हमने सबसे बात की थी। 9 दलों के समर्थन से जातीय गणना हुई। रिपोर्ट में एक एक जाति के आधार पर पूरी जानकारी दी गयी है। जिस तरह से इसकी शुरुआत की गयी, 1990 मे ज़ब  राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह थे, खबर आयी कि वे मिलना चाहते थे, हम चले गए। एक घंटा उन्होंने समझाया कि जाति आधारित गणना होनी चाहिए। उसी समय हम इस बात को समझे। मधु लिमये, मधु दण्डवते से हम मिले, तत्कालीन PM विश्वनाथ प्रताप सिंह से भी मिले.

जाति गणना में बड़े पैमाने पर लोगों को लगाया गया-नीतीश

2019 में सर्वसम्मति से यहां दोनों हाउस से पारित हुआ। 2020 में कोरोना आ गया, 2021 में 9 दलों से बात हुई, PM से मिले, सबलोग साथ ही थे, आपके यहां तो  दूसरी पार्टी से आये नेता को मौका मिला। जातीय गणना हमलोगों ने अपने स्तर से किया। बड़े पैमाने पर लोगों को लगाया गया, ट्रेनिंग हुई। ज़ब काम शुरू हुआ तो कोर्ट ने रोक दिया, फिर कोर्ट ने इजाजत दी।

केंद्र को करा लेना चाहिए जाति जनगणना-नीतीश

कुछ लोग कहते हैं कि जाति बढ़ गया, घट गया, पहले जाति की गणना हुई ही नहीं तो कैसे आप कह रहे हैं? ये सब बोगस बात हैं। केंद्र को करा लेना चाहिए, जनगणना अभी तक नहीं हुई है, इसी में करा लें पूरे देश का। जाति गणना के समय हम खुद अपने घर बख्तियारपुर गए थे। जब जाति जनगणना का काम हो रहा था तो अपने अपने घर जाना चाहिए था। नीतीश के भाषण के दौरान बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने पंचायत वार जारी करने की मांग की। नीतीश ने कहा कि आगे हमलोग कर देंगे,लेकिन क्या जनगणना के आंकड़े इस तरह से पंचायत वार आते हैं?

इस गणना की रिपोर्ट के मुताबिक  59 प्रतिशत लोगों के पास पक्का मकान, 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रहते हैं। 63850 परिवार आवसहीन हैं। 94 लाख परिवार आर्थिक रूप से गरीब मिले हैं। 2011 की तुलना में साक्षरता दर 61.8 से बढ़कर 79.70 प्रतिशत हो गया है, महिला साक्षरता में काफी सुधार हुआ है।

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