महाराष्ट्र / साबित करें कि नवाब मलिक के ट्वीट गलत हैं: समीर वानखेड़े के पिता से बॉम्बे हाईकोर्ट

Zoom News : Nov 11, 2021, 03:52 PM
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े 'सरकारी अधिकारी' हैं और कोई भी उनके कामकाज की समीक्षा कर सकता है। समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक से 1.25 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि और वानखेड़े परिवार के खिलाफ भविष्य में कोई भी फर्जी या गलत टिप्पणी करने से रोकने के लिए स्थगनादेश मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने समीर वानखेड़े के पिता से कहा कि आपको सिर्फ यह साबित करना है कि नवाब मलिक के किए गए ट्वीट गलत हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने समीर वानखेड़े पर तमाम आरोप लगाए हैं जिनमें सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप भी शामिल है। सुनवाई के दौरान ध्यानदेव वानखेड़े के अधिवक्ता अरशद शेख ने सवाल किया कि समीर को ऐसे व्यक्ति को स्पष्टीकरण क्यों देना चाहिए जो ''सिर्फ एक विधायक है कोई अदालत नहीं।'' इसपर न्यायमूर्ति माधव जामदार ने ने कहा, ''आप सरकारी अधिकारी हैं... आपको सिर्फ इतना साबित करना है कि ट्वीट (मलिक द्वारा किए गए ट्वीट) पहली नजर में गलत हैं... आपके बेटे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह एक सरकारी अधिकारी हैं और जनता का कोई भी सदस्य उनकी समीक्षा कर सकता है।'' 

वहीं दूसरी ओर अदालत ने मलिक के वकील अतुल दामले से सवाल किया, ''क्या जमा करने से पहले दस्तावेजों का सत्यापन करना आपकी जिम्मेदारी नहीं है? क्या आपने एक जिम्मेदारी नागरिक और राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता होने के नाते दस्तावेजों का सत्यापन किया?'' मलिक के आरोप झूठ हैं यह साबित करने के लिए अतिरिक्त हलफनामा दायर करने के लिए वानखेड़े के वकील में और समय मांगा। 

अदालत ने उन्हें शुक्रवार तक का समय दिया और एनसीपी नेता के वकील से इस संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा कि उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करने से पहले (समीर वानखेड़े के निजी विवरण वाले) दस्तावेजों का सत्यापन किया था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख तय की है। बता दें कि बीते महीने 2 अक्टूबर को मुंबई के क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के दौरान हुई छापेमारी के बाद से ही नवाब मलिक ने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर कई आरोप लगाए हैं। इन आरोपों की वजह से ही समीर वानखेड़े के पिता ने नवाब मलिक पर मानहानि का मामला दर्ज कराया है।

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