Rahul Gandhi News / राहुल के प्रजेंटेशन में वोटर्स डिलीट कराने का दावा- कर्नाटक में जिनके नाम काटे, उन्हें स्टेज पर बुलाया

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'वोट चोरी' के आरोप दोहराए। उन्होंने चुनाव आयोग पर कांग्रेस वोटरों के नाम जानबूझकर डिलीट करने का आरोप लगाया। कर्नाटक के आलंद में 6,000 से अधिक वोट हटाने का उदाहरण दिया। राहुल ने कहा—“लोकतंत्र हाईजैक हो गया है।”

Rahul Gandhi News: कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को 'वोट चोरी' के मुद्दे पर अपनी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इससे पहले उन्होंने 7 अगस्त को मीडिया से इस विषय पर बात की थी। इस बार राहुल ने करीब 31 मिनट के एक विस्तृत प्रेजेंटेशन में वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि उनके पास ठोस सबूत हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आयोग जानबूझकर कांग्रेस समर्थकों के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम मतदाता सूची से हटा रहा है।

राहुल गांधी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के उन मतदाताओं को भी साथ लेकर आए, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाया कि वे उन ताकतों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को तबाह करने का काम किया है। राहुल ने महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी इसी तरह की घटनाओं का जिक्र किया, जहां वोटों की चोरी हो रही है।

कर्नाटक के आलंद का उदाहरण: 6,018 वोट हटाने की कोशिश

प्रेजेंटेशन के दौरान राहुल ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2023 के चुनावों में यहां 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की गई, और यह संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है। हालांकि, कुल कितने वोट हटाए गए, इसका सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। राहुल के अनुसार, इस मामले का खुलासा संयोग से हुआ। एक बूथ-लेवल अधिकारी (बीएलओ) ने देखा कि उसके चाचा का नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है। जांच करने पर पता चला कि पड़ोसी के नाम से वोट हटाया गया था। जब बीएलओ ने पड़ोसी से पूछा, तो उसने इनकार किया कि उसने ऐसा कुछ किया है।

राहुल ने जोर देकर कहा, "न तो जिसने वोट हटाया और न ही जिसका वोट हटाया गया, दोनों को ही इसकी कोई जानकारी नहीं थी। असल में, कोई बाहरी ताकत ने सिस्टम को हैक करके ये वोट हटाए थे।" यह उदाहरण दर्शाता है कि वोट चोरी कितनी चुपके से और संगठित तरीके से की जा रही है।

गोदाबाई का मामला: फर्जी लॉगिन से 12 नाम हटाए

प्रेस कॉन्फ्रेंस में 63 वर्षीय गोदाबाई का एक वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका वोट हटाया गया और उन्हें इसकी कोई खबर नहीं थी। राहुल ने दावा किया कि गोदाबाई के नाम से फर्जी लॉगिन बनाकर 12 मतदाताओं के नाम हटाए गए। इसके अलावा, आलंद में वोट हटाने के लिए दूसरे राज्यों से संचालित मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने अपने प्रेजेंटेशन में इन नंबरों का विवरण भी साझा किया, साथ ही उन 12 पड़ोसियों के नाम भी बताए जिनके वोट इन नंबरों से हटाए गए।

कर्नाटक सीआईडी की 18 चिट्ठियां: चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल

राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की मदद करने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ज्ञानेश कुमार जी वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं, और इसके पुख्ता सबूत हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।" राहुल ने बताया कि कर्नाटक में इस मामले की जांच चल रही है, और सीआईडी ने पिछले 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं। इन पत्रों में कुछ बुनियादी जानकारी मांगी गई है, जैसे:

  • फॉर्म भरने वाले डेस्टिनेशन आईपी एड्रेस।
  • आवेदन दाखिल करने वाले डिवाइस के डेस्टिनेशन पोर्ट्स।
  • सबसे महत्वपूर्ण, ओटीपी ट्रेल्स, क्योंकि आवेदन के लिए ओटीपी जरूरी होता है।

राहुल ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग ने इन पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इससे पता चल जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां से चलाया जा रहा है। हमें पूरा यकीन है कि यह हमें असली दोषियों तक पहुंचा देगा।"

पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र: ईसी ने भाजपा के साथ चुनाव चुराया

राहुल ने अपनी 7 अगस्त की दिल्ली प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी उल्लेख किया, जहां उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चुराया है। इस बार उन्होंने जोर दिया कि देश की लोकतंत्र हाईजैक हो चुका है। उन्होंने कहा, "अब चुनाव आयोग के अंदर से जानकारी आ रही है। भारत के युवा इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं सबूतों के साथ सब कुछ दिखाऊंगा। अभी मैं आधार तैयार कर रहा हूं, लेकिन 'हाइड्रोजन बम' जैसा बड़ा खुलासा आने वाला है, जहां सब कुछ साफ-साफ होगा।"

पत्रकारों के सवालों पर राहुल का जवाब: सच्चाई दिखाना हमारा काम

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने कई सवाल किए। एक सवाल था कि अगर चुनाव आयोग एक्शन नहीं ले रहा, तो क्या कोर्ट जाएंगे? राहुल ने कहा, "यह मेरा काम नहीं है। यह कानूनी संस्थानों का काम है। मैं सिर्फ सबूत दे रहा हूं। भारत में लोकसभा चुनावों में वोट चोरी हो रही है। युवाओं को सच्चाई दिखाना मेरा कर्तव्य है। संविधान की रक्षा करना मेरा काम नहीं, लेकिन मैं कर रहा हूं।"

एक अन्य सवाल में पूछा गया कि पहले महादेवपुरा का उदाहरण दिया था, अब आलंद का, लेकिन आयोग कुछ नहीं कर रहा। राहुल ने जवाब दिया, "हमारा काम सच्चाई सामने लाना है। हमने वोट जोड़ने और हटाने दोनों के स्ट्रक्चर दिखाए। कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार में एक ही पैटर्न है।"

ज्ञानेश कुमार को सलाह: एक हफ्ते में जवाब दें

राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को सीधे संबोधित करते हुए कहा, "ज्ञानेश कुमार जी, अपना काम कीजिए। कर्नाटक सीआईडी को एक हफ्ते में जवाब दें, वरना देश समझ जाएगा कि आप संविधान की हत्या में शामिल हैं। युवा आपसे जवाब मांगेंगे।" उन्होंने 'वोट चोरी' को एक केंद्रीकृत ऑपरेशन बताया, जिसमें कॉल सेंटरों का इस्तेमाल हो रहा है।

लोकतंत्र की रक्षा में राहुल का संकल्प

अंत में राहुल गांधी ने कहा, "मैं ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत सच न हो। मैं अपने देश, संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं। मैं उसकी रक्षा कर रहा हूं। चुनाव आयोग उन लोगों को बचा रहा है जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को खत्म कर दिया है।" यह प्रेस कॉन्फ्रेंस वोट चोरी के मुद्दे पर नए बहस को जन्म दे सकती है, और देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।