हेलो मायड़ भासा रो / राजस्थान चाहे ‘राजभाषा’- युवाओं का उमड़ रहा सैलाब, समर्थन में जुट रहे भाषा प्रेमी

Zoom News : Jan 11, 2023, 11:48 AM
हेलो मायड़ भासा रो: राजस्थान में मायड़ भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेश के युवा और विभिन्न संगठन एकजुट हो रहे हैं. राजस्थानी युवा समिति ने राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा बनाने के मुद्दे को लेकर प्रवासी भारतीय दिवस के दिन शहीद स्मारक पर हजारों की संख्या में एकजुट होकर अपनी एकता का सन्देश दिया हैं.

इसी कड़ी में राजधानी जयपुर में सोमवार को राजस्थानी युवा समिति ने राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा बनाने के मुद्दे को लेकर प्रवासी भारतीय दिवस के दिन शहीद स्मारक पर हजारों की संख्या में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई. समिति के आह्वान पर जोधपुर, बीकानेर, नागौर और आसपास के इलाकों से बसों में भरकर बड़ी संख्या में युवा, छात्रनेता और सामाजिक कार्यकर्ता लामबंद हुए जहां कैंडल मार्च निकालकर राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने की मांग की गई. 

राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा मिल सके इसलिए पूरे राजस्थान में हर जिले, संभाग में ‘हेलों मायड़ भासा रौ’ के नाम से कार्यक्रम किये जा रहे हैं. भाषा को मान्यता दिलाने के लिए शहीद स्मारक पर हुए आयोजन में अभिषेक चौधरी एन.एस.यू.आई प्रेसिडेंट, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भाटी, जे.एन.वी.यू छात्रसंघ अध्यक्ष, अरविंद सिंह भाटी, महासचिव राजस्थान विश्विद्यालय अरविंद जाझड़ा सहित सर्व समाज के अध्यक्षों और अलग-अलग जिलों से आये युवाओं ने बढ़-चढ़ कर सभा और केंडल मार्च में एकजुट होकर यह बता दिया कि सभी लोग राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिलाने के लिए एक हैं.

राजस्थानी युवा समिति ने पूरे विश्व मे फैले राजस्थानियों का समर्थन जुटाने के लिये ट्वीटर पर एक मुहीम छेड़ी. जिससे ट्वीटर पर राजस्थानी-मांगे-राजभाषा को लगभग 2 लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट कर ट्रेंडिंग इन इंडिया नम्बर 1 पर लाकर राजस्थानी भाषा को समर्थन दिया। 

मांग नहीं मानी तो युवा करेंगे भूख हड़ताल

वहीं कैंडल मार्च के बाद राजस्थानी युवा समिति के अध्यक्ष अरुण राजपुरोहित ने कहा की राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा नहीं मिला तो राजस्थान के लोग बड़ा आंदोलन करेंगे और समिति ने अपने आधिकारिक बयान से स्पष्ट किया है की अगर सरकार ने वक़्त रहते कोई फैसला नहीं किया तो आने वाले वक्त में युवा भूख हड़ताल करेंगे.

इधर राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चलकोई ने कहा की राज्य के बजट को ध्यान में रखते हुए राजस्थानी युवा समिति पिछले कई महीनों से सक्रिय रूप से पूरे राजस्थान में घूम-घूम कर युवाओं को राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिये जोड़ रही है और इसका असर अब राजस्थान के युवाओं में दिखने भी लगा है.

राजवीर सिंह चलकोई ने बताया राजभाषा बनने से जनता को होंगे कई फायदे

नई शिक्षा नीति के तहत भी बच्चों की प्राथमिक शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में मिलने का प्रावधान है, राजस्थान भाषा को मान्यता मिले तो राज्य के बच्चे अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता मिलने से प्रदेश के युवाओं को अपने ही प्रदेश में लाखों की संख्या में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर खुलेंगे।

चलकोई ने बताया कि अब युवा अपने अपने तरीके से गीत, नाटक, फ़िल्म, संगीत, कविता राजस्थानी में लिखने बनाने लगे हैं और उन्हें मंचों पर राजस्थानी बोलने में भी अब कोई हिचक नहीं रही है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत से राजस्थानी युवा समिति राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देने की मांग कर रही है जो पूरी तरह से उचित मांग है.

उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थानी को राज्यभाषा का दर्जा मिलने से रोजगार में बढ़ोतरी होगी और भाषा की मान्यता से कई फायदे जुड़े हैं जिनमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे.

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