World Cup 2023 / रोहित-विराट को खुद ही लड़नी होगी अपनी लड़ाई? जानिए कैसे

Vikrant Shekhawat : Oct 06, 2023, 08:00 PM
World Cup 2023: 2 अप्रैल 2011. वानखेड़े स्टेडियम में भारत-श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप का फाइनल था. भारतीय टीम के सामने 275 रन का लक्ष्य था. सचिन का होम ग्राउंड, 28 साल से वर्ल्ड कप जीत का इंतजार… सब कुछ बहुत खास था. लेकिन क्रिकेट फैंस के चेहरे का रंग फीका पड़ गया जब पहले वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंडुलकर जल्दी जल्दी आउट हो गए. स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 31 रन जुड़े थे और ये दोनों बल्लेबाज पवेलियन में बैठे थे. सचिन 18 रन बनाकर आउट हुए थे. लेकिन इतने दबाव वाले मैच में भी भारतीय टीम बिखरी नहीं. हर खिलाड़ी ने अपना रोल बखूबी निभाया. गौतम गंभीर क्रीज पर टिके रहे. उनका साथ विराट कोहली ने दिया. विराट गए तो महेंद्र सिंह धोनी ने मोर्चा संभाला. गंभीर आउट हुए तो युवराज सिंह आ गए. आखिरकार भारतीय टीम ने 49वें ओवर में इतिहास रच दिया. सचिन का सपना पूरा हुआ. दो दशक से ज्यादा के करियर में रिकॉर्ड बुक के लगभग हर पन्ने पर सचिन तेंडुलकर का नाम था. उनके पास कुछ नहीं था तो वर्ल्ड कप. 2011 में खिलाड़ियों ने मिलकर उन्हें वर्ल्ड कप का तोहफा दिया.

मैच के बाद ‘विक्ट्री लैप’ के दौरान सचिन को खिलाड़ियों ने कंधे पर बिठा लिया था. अब 2023 में आ जाइए. कोई अधिकारिक तौर पर भले ना कहे लेकिन इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट में मौजूदा समय के तीन बड़े खिलाड़ियों का ये आखिरी वर्ल्ड कप है. ये तीन खिलाड़ी हैं- रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन. 2011 का इतिहास अगर 2023 में दोहराया जाना है तो क्या इन्हें अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी?

विराट-अश्विन से अलग है रोहित का मामला

विराट कोहली और आर अश्विन के मुकाबले रोहित शर्मा का केस अलग है. रोहित शर्मा 2011 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे. जबकि विराट और अश्विन दोनों 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे. इस लिहाज से उनके करियर में वो कमी नहीं जो रोहित शर्मा के करियर में है. आपको याद दिला दें कि 2011 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा बिल्कुल आखिरी समय पर टीम से बाहर किए गए थे. उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हुआ करते थे. धोनी चाहते थे कि वर्ल्ड कप में एक और स्पिनर को टीम का हिस्सा बनाया जाए. इसीलिए सेलेक्टर्स को रोहित शर्मा की बजाए पीयूष चावला को तरजीह देनी पड़ी थी. पीयूष चावला ने 2011 वर्ल्ड कप में सिर्फ 3 मैच खेले थे लेकिन रोहित को बाहर बैठना पड़ा था. ये बात भी दिलचस्प है कि बाद में रोहित शर्मा का कद बहुत बड़ा हो गया. रोहित शर्मा आईपीएल के सबसे कामयाब कप्तान बने. वो अब तक पांच बार इस खिताब को जीत चुके हैं. उनके खाते में भी क्रिकेट के तमाम रिकॉर्ड्स हैं. लेकिन उनके पास भी वर्ल्ड कप नहीं है…सवाल ये है कि उनका सपना कौन पूरा करेगा? आज भी स्टार खिलाड़ियों की कमी नहीं

मौजूदा भारतीय टीम में भी स्टार खिलाड़ियों की कमी नहीं है. बल्लेबाजी में श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल और केएल राहुल जैसे बड़े नाम हैं. ऑलराउंडर्स में हार्दिक पांड्या हैं और रवींद्र जडेजा हैं. जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में मजबूत बॉलिंग अटैक है. यानि 2011 में अगर टीम सितारों से भरी हुई थी तो वो बात आज की टीम पर भी लागू होती है. मौजूदा समय के जिन खिलाड़ियों का नाम हमने लिया इसमें से हर एक खिलाड़ी ऐसा है जो अकेले दम पर मैच पलट सकता है. बस इन खिलाड़ियों को वो ‘एक्सट्रा मॉटिवेशन’ चाहिए जो सचिन तेंडुलकर के नाम पर था. बतौर कप्तान रोहित शर्मा भी खासे लोकप्रिय हैं. टीम में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो फ्रेंचाइजी क्रिकेट यानि आईपीएल में उनके साथ खेलते हैं. ऐसे में रोहित शर्मा को वर्ल्ड कप का गिफ्ट देने की चाहत कई खिलाड़ियों को होगी. रोहित अभी 36 की उम्र पार कर चुके हैं. चार साल बाद वो 40 पार होंगे. ऐसे में वर्ल्ड कप तो उनका भी ये आखिरी ही है.

वैसे रोहित खुद में ही बहुत सक्षम है

वैसे दिलचस्प बात ये है कि और कोई ‘मॉटिवेट’ हो ना हो रोहित शर्मा 2023 वर्ल्ड कप को लेकर बहुत ‘मॉटिवेट’ हैं. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो वापस 2019 के जोन में जाना चाहते हैं. वो याद करना चाहते हैं कि 2019 में वो किस तरह सोचते थे, किस तरह का बर्ताव करते थे, कैसे इंसान थे. रोहित शर्मा ऐसा इसलिए करना चाह रहे हैं क्योंकि 2019 में वो कमाल की फॉर्म में थे. 2019 में रोहित शर्मा ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 648 रन बनाए थे. इसमें पांच शतक शामिल थे. रोहित शर्मा की औसत 81 की थी. ये ऐसे आंकड़े थे जिस पर यकीन करना मुश्किल है. 2019 और 2023 का सबसे बड़ा फर्क ये है कि रोहित शर्मा पर तब कप्तानी का दबाव नहीं था. तब ये जिम्मेदारी विराट कोहली के पास थी. अब रोहित शर्मा को अपनी बल्लेबाजी के साथ साथ टीम की कमान भी संभालनी है. साथ ही उन ख्वाबों को भी संभालना है जो उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के बाद जरूर देखा होगा. एक वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी कहलाने का ख्वाब…

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