Russia-US Conflict: रूस ने शुक्रवार को अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि
यूक्रेन युद्ध का अंत
तेल की कीमतों में गिरावट से हो सकता है। ट्रंप ने
स्विट्जरलैंड के
दावोस में आयोजित
विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक कार्यक्रम में
व्हाइट हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बयान दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि युद्ध में
ओपेक (तेल निर्यातक देशों का संगठन) की भूमिका है और यदि तेल की कीमतें कम हो जाती हैं, तो यह युद्ध समाप्त हो सकता है।
ट्रंप का दावा: तेल की कीमतों से युद्ध समाप्त होगा
अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा था, ‘‘अगर तेल की कीमतें कम हो जाएं तो
रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत खत्म हो जाएगा।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि तेल निर्यातक देशों का गठबंधन
ओपेक युद्ध को बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि इसकी वजह से तेल की कीमतें बहुत अधिक बनी हुई हैं, जिससे रूस को आर्थिक लाभ मिल रहा है। ट्रंप ने कहा कि तेल की बिक्री से रूस को बड़ी कमाई होती है, जो युद्ध के जारी रहने का कारण बन रही है।
रूस का खंडन: तेल से युद्ध नहीं रुक सकता
ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए,
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) के प्रवक्ता
दिमित्री पेसकोव ने स्पष्ट किया कि
यूक्रेन युद्ध की वजह तेल की कीमतें नहीं हैं। पेसकोव ने कहा, ‘‘युद्ध तेल की कीमतों पर निर्भर नहीं करता। रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे, उन क्षेत्रों में रहने वाले रूसियों के लिए उत्पन्न खतरे और अमेरिकियों और यूरोपीय देशों द्वारा रूस की सुरक्षा चिंताओं को नकारने के कारण यह संघर्ष जारी है। इसका तेल की कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है।’’ पेसकोव ने यह भी कहा कि यह संघर्ष
रूस के सुरक्षा हितों और
रूसी भाषी नागरिकों की रक्षा के लिए शुरू हुआ था, जिसे पश्चिमी देश नजरअंदाज कर रहे थे।
पुतिन का ट्रंप से बातचीत के लिए रुख
पेसकोव ने यह भी कहा कि
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। पेसकोव ने पुतिन के बयानों को दोहराया कि
यूक्रेन का नाटो में शामिल होने की योजना रूस की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रही थी, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी 2022 में रूस को यूक्रेन में अपनी सेना भेजनी पड़ी थी।
ट्रंप ने दी थी रूस को कड़ी चेतावनी
यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस पर सख्त
प्रतिबंध और
सीमा शुल्क लगाने की धमकी दी थी, यदि रूस यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता नहीं करता। ट्रंप ने यह भी कहा था कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बने तो वह रूस के खिलाफ कठोर कदम उठाएंगे और युद्ध को जल्दी समाप्त करने के लिए समझौता करेंगे।
निष्कर्ष
रूस ने ट्रंप के बयान को नकारते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन युद्ध का कारण
तेल की कीमतें नहीं हैं, बल्कि यह रूस की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और पश्चिमी देशों द्वारा इन चिंताओं की अनदेखी के कारण है। वहीं, पुतिन ने ट्रंप से संभावित बातचीत के लिए भी सकारात्मक रुख दिखाया है। अब यह देखना होगा कि भविष्य में दोनों देशों के बीच इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।