Putin Nuclear Testing / परमाणु परीक्षण की तैयारी में रूस, पुतिन ने दिया आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु परीक्षण की तैयारी शुरू करने का आदेश दिया है। रूस ने नोवाया जेमल्या को संभावित परीक्षण स्थल के रूप में चुना है। पुतिन ने कहा कि यदि अमेरिका परीक्षण करता है तो रूस भी ऐसा करेगा, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने अधिकारियों को परमाणु परीक्षण शुरू करने की तैयारी के आदेश दिए हैं और यह महत्वपूर्ण निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका में परमाणु परीक्षण की घोषणा के बाद लिया गया है, जिससे वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में तनाव बढ़ गया है। रूस ने आर्कटिक क्षेत्र में स्थित नोवाया जेमल्या साइट को संभावित टेस्टिंग साइट के तौर पर चुना है, जिसे कम समय में परीक्षण के लिए तैयार किया जा सकता है।

अमेरिकी घोषणा के बाद रूस का कदम

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अपने अधिकारियों को परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने पर प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अमेरिका फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करेगा। ट्रंप के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंताएं बढ़ा दी हैं और परमाणु अप्रसार संधियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुतिन का यह आदेश अमेरिका की संभावित कार्रवाई के प्रति रूस की सीधी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता को और गहरा कर सकता है।

CTBT और रूस की प्रतिबद्धता

पुतिन ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि रूस ने अब तक हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी (CTBT) यानी परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते का पालन किया है। यह संधि परमाणु हथियारों के परीक्षण विस्फोटों को प्रतिबंधित करती है, चाहे वे किसी भी वातावरण में हों और रूस ने इस संधि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, लेकिन साथ ही एक शर्त भी रखी है। पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका या कोई अन्य परमाणु ताकत परीक्षण करती है, तो रूस भी ऐसा करेगा। उन्होंने इस मुद्दे को देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला बताया, जो रूस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।

परीक्षण स्थल का चुनाव

जानकारी जुटाने और सुझाव देने का निर्देश

रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने राष्ट्रपति पुतिन को जानकारी दी कि अमेरिका हाल के दिनों में अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, बेलोउसॉव ने जोर दिया कि रूस के लिए पूरे पैमाने पर परमाणु परीक्षण की तैयारी तुरंत शुरू करना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस के नोवाया जेमल्या नाम के आर्कटिक क्षेत्र में स्थित। टेस्टिंग साइट को बहुत कम समय में परीक्षण के लिए तैयार किया जा सकता है। नोवाया जेमल्या सोवियत संघ के समय से एक प्रमुख परमाणु परीक्षण स्थल रहा है, और इसकी भौगोलिक स्थिति इसे ऐसे परीक्षणों के लिए उपयुक्त बनाती है। पुतिन ने अपने अधिकारियों को केवल तैयारी के आदेश ही नहीं दिए, बल्कि अमेरिका की योजनाओं पर अधिक जानकारी जुटाने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और अन्य संबंधित विभागों को आदेश दिया कि वे अमेरिका की परमाणु परीक्षण संबंधी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी एकत्र करें। इन जानकारियों को रूसी सिक्योरिटी काउंसिल में गहनता से एनालाइज किया जाएगा। इसके बाद, इन विभागों को परमाणु परीक्षण शुरू करने की तैयारी पर विस्तृत सुझाव देने होंगे, ताकि रूस एक सुविचारित और प्रभावी रणनीति बना सके।

अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर प्रभाव

पुतिन ने अपने बयान में कहा कि ट्रंप के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्थिति गंभीर और खतरनाक हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है, तो रूस भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वैसा ही कदम उठाएगा और यह बयान वैश्विक स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है, क्योंकि परमाणु परीक्षणों की वापसी से हथियारों की होड़ फिर से शुरू हो सकती है। यह स्थिति परमाणु अप्रसार प्रयासों को कमजोर कर सकती है और दुनिया भर में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकती है।

ऐतिहासिक संदर्भ

परमाणु परीक्षणों के इतिहास पर गौर करें तो अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया था और चीन और फ्रांस ने 1996 में अपने अंतिम परीक्षण किए थे, जबकि सोवियत संघ ने 1990 में अपना आखिरी परीक्षण किया था। सोवियत संघ के विघटन के बाद से रूस ने अब तक कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है। यदि रूस अब परीक्षण शुरू करता है, तो यह शीत युद्ध के बाद पहली बार होगा कि वह परमाणु परीक्षण करेगा, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत होगा।