Khaleda Zia Death / खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे एस जयशंकर, ढाका जाएंगे विदेश मंत्री

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर शामिल होने के लिए बुधवार को ढाका जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है, उनके योगदान को याद किया।

बांग्लादेश की राजनीतिक परिदृश्य की एक प्रमुख हस्ती और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का मंगलवार को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से बांग्लादेश में शोक की लहर दौड़ गई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं और भारत ने भी इस दुखद घड़ी में अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं, और भारत सरकार ने उनके अंतिम संस्कार में अपने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को भेजने का निर्णय लिया है। डॉ. जयशंकर बुधवार को ढाका के लिए रवाना होंगे, जहां खालिदा जिया का अंतिम संस्कार किया जाएगा। भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने और उनके परिवार तथा बांग्लादेश के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बुधवार को ढाका जाएंगे। यह कदम भारत और बांग्लादेश के बीच गहरे संबंधों और आपसी सम्मान को दर्शाता है, खासकर। ऐसे समय में जब एक पड़ोसी देश ने अपने एक प्रमुख नेता को खो दिया है। डॉ और जयशंकर की उपस्थिति दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करेगी।

पीएम मोदी का शोक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेगम खालिदा जिया के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में अपनी संवेदनाएं साझा कीं। पीएम मोदी ने लिखा, "ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर से मुझे गहरा दुख हुआ है। हम उनके परिवार और बांग्लादेश के समस्त जनमानस के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। ईश्वर उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। " उन्होंने आगे कहा, "बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में, बांग्लादेश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई मेरी सौहार्दपूर्ण मुलाकात याद है और हमें उम्मीद है कि उनके विचार और विरासत भविष्य में हमारी साझेदारी को सही दिशा देंगे। उसकी आत्मा को शांति मिलें। " यह संदेश खालिदा जिया के राजनीतिक कद और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके योगदान को रेखांकित करता है।

खालिदा जिया का निधन और स्वास्थ्य

बेगम खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह ढाका के एवरकेयर अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ और उन्हें 23 नवंबर को फेफड़ों में संक्रमण के कारण राजधानी ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं, जिनमें दिल की बीमारी, मधुमेह, गठिया, लिवर सिरोसिस और किडनी की समस्याएं शामिल थीं। उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, इस महीने की शुरुआत में। उन्हें अपनी बीमारियों के उन्नत चिकित्सा उपचार के लिए लंदन भेजा गया था। हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद, उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया और अंततः उन्होंने अंतिम सांस ली।

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री

बेगम खालिदा जिया ने बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने देश के शासन में एक नया अध्याय जोड़ा। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन के रूप में, उन्होंने कई वर्षों तक पार्टी का नेतृत्व किया और देश की राजनीति में एक मजबूत आवाज बनी रहीं। उनके कार्यकाल में बांग्लादेश के विकास और भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को व्यापक रूप से सराहा गया है। उनकी राजनीतिक यात्रा चुनौतियों और सफलताओं से भरी रही, जिसने उन्हें बांग्लादेश के लोगों के बीच एक प्रतिष्ठित नेता के रूप में स्थापित किया।

अंतिम संस्कार की तैयारियां और जनसैलाब

खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को ढाका में किया जाएगा। उनके निधन की खबर फैलते ही, ढाका के एवरकेयर अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। लोग अपनी प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े और बेगम जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान भी अपनी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि देने के लिए अस्पताल पहुंचे। यह जनसैलाब उनकी लोकप्रियता और बांग्लादेशी समाज पर उनके गहरे प्रभाव का प्रमाण है। उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं,। जिसमें देश-विदेश से कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होने की उम्मीद है।