Indigo Crisis News / सरकार का कड़ा एक्शन: IndiGo की 10% उड़ानें रद्द, रिफंड-लगेज पर सख्त आदेश

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने IndiGo को उड़ानों में 10% की कटौती करने का आदेश दिया है। यह फैसला IndiGo की कई उड़ानों के रद्द होने और देरी के बाद लिया गया, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हुई। मंत्रालय ने रिफंड और सामान की जल्द वापसी सुनिश्चित करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि परिचालन में सुधार हो और यात्रियों को बेहतर सेवा मिले।

हाल ही में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने IndiGo एयरलाइन के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। मंत्रालय ने IndiGo को अपनी कुल उड़ानों में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है। यह फैसला एयरलाइन द्वारा हाल ही में कई उड़ानों के रद्द होने और उनमें देरी होने के बाद आया है, जिसके कारण हजारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा था। सरकार ने IndiGo को यह भी निर्देश दिया है कि वह प्रभावित यात्रियों को उनके रिफंड और सामान को जल्द से जल्द वापस लौटाए। यह कार्रवाई यात्रियों के हितों की रक्षा और हवाई यात्रा सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

इंडिगो संकट और सरकारी हस्तक्षेप

पिछले कुछ हफ्तों से IndiGo एयरलाइन लगातार परिचालन संबंधी समस्याओं का सामना कर रही थी और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्वयं ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की थी कि IndiGo की कई उड़ानें रद्द हुईं और उनमें देरी हुई। इन गड़बड़ियों का मुख्य कारण क्रू की ड्यूटी लिस्ट, फ्लाइट शेड्यूल और आंतरिक संचार में कमी बताई गई थी। इन समस्याओं के कारण हजारों यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने तत्काल जांच शुरू। की और IndiGo के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक बैठक बुलाई। यह स्पष्ट था कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही थी और यात्रियों की असुविधा को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने को तैयार थी।

मंत्रालय का सख्त रुख और सीईओ से मुलाकात

इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने IndiGo के सीईओ पीटर एल्बर्स को तलब किया। मंत्री राम मोहन नायडू के साथ हुई इस मुलाकात के दौरान, पीटर एल्बर्स एविएशन मिनिस्टर के सामने हाथ जोड़े हुए नजर आए, जो स्थिति की गंभीरता और एयरलाइन पर बढ़ते दबाव को दर्शाता है। इस मुलाकात में मंत्री ने IndiGo के परिचालन संबंधी मुद्दों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और एयरलाइन से इस संकट का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा और मंत्री ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह बैठक सरकार के सख्त रुख का एक स्पष्ट संकेत थी कि वह एयरलाइन को अपनी जिम्मेदारियों से भागने नहीं देगी।

उड़ानों में 10% कटौती का आदेश

नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि मंत्रालय का मानना है कि IndiGo वर्तमान में बहुत। अधिक उड़ानें संचालित कर रही है, जिसके कारण उसके परिचालन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। इस समस्या को दूर करने और सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से, मंत्रालय ने IndiGo को अपने सभी रूट्स पर लगभग 10 प्रतिशत उड़ानें कम करने का आदेश दिया है। इस कटौती का मुख्य लक्ष्य उड़ानों के रद्द होने की घटनाओं को कम करना और समय पर उड़ानों के संचालन को सुनिश्चित करना है, जिससे यात्रियों को बेहतर और अधिक विश्वसनीय सेवा मिल सके। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 10 प्रतिशत की कटौती के बाद भी IndiGo अपने सभी शहरों में उड़ानें जारी रखेगी और कोई भी गंतव्य बंद नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रियों को अभी भी व्यापक कनेक्टिविटी मिलती रहे, लेकिन बेहतर दक्षता के साथ।

रिफंड और सामान वापसी पर कड़े निर्देश

मंत्रालय ने IndiGo को यात्रियों के रिफंड और सामान की डिलीवरी के संबंध में भी सख्त हिदायतें दी हैं और indiGo के सीईओ पीटर एल्बर्स ने मंत्री को सूचित किया कि 6 दिसंबर तक जिन यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हुई थीं, उन सभी को 100 प्रतिशत रिफंड दे दिया गया है। हालांकि, मंत्रालय ने बाकी बचे रिफंड और सामान डिलीवरी के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कड़े आदेश दिए हैं। यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है कि प्रभावित यात्रियों को उनके पैसे और सामान बिना किसी अनावश्यक देरी के वापस मिलें। यह कदम एयरलाइन की जवाबदेही को बढ़ाता है और यात्रियों के वित्तीय हितों की रक्षा करता है, जो अक्सर ऐसी परिचालन गड़बड़ियों से प्रभावित होते हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने IndiGo को यह भी सख्त हिदायत दी है कि उसे किराया कैप, यात्रियों की सुविधा और मंत्रालय के सभी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस संबंध में कोई बहाना नहीं चलेगा। यह निर्देश एयरलाइन को अपनी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए बाध्य करता है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एयरलाइन न केवल परिचालन संबंधी समस्याओं का समाधान करे, बल्कि यात्रियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझे और उनका निर्वहन करे और इसमें उचित किराया संरचना बनाए रखना और यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिकतम सुविधा प्रदान करना शामिल है।

इंडिगो की प्रतिक्रिया और खेद

सोमवार को, IndiGo ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को अपने शो कॉज नोटिस का जवाब दिया और अपने जवाब में, एयरलाइन ने ग्राहकों को हुई परेशानी के लिए गहरी खेद और माफी मांगी। IndiGo ने स्वीकार किया कि इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई है, लेकिन उसने यह भी कहा कि इस समय इसकी “सटीक वजह” बताना अभी संभव नहीं है। यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि एयरलाइन अपनी आंतरिक जांच कर रही है, लेकिन अभी तक वह उन सभी कारकों की पहचान नहीं कर पाई है जिनके कारण यह व्यापक परिचालन संकट उत्पन्न हुआ। सरकार के दबाव और सार्वजनिक जांच के तहत, IndiGo को अब अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं और प्रणालियों की गहन समीक्षा करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यात्रियों का विश्वास बहाल किया जा सके और सरकार का यह कदम भारतीय विमानन क्षेत्र में यात्रियों के अधिकारों और सेवा मानकों को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।