जयपुर / गलता पीठ में धूमधाम से मनाया जा रहा है सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव

Zoom News : Nov 11, 2019, 04:07 PM
जयपुर. उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ श्रीगलताजी में मनाए जा रहे सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव में सोमवार को गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। सुबह से दोपहर तक विशेष  अभिषेक, शृंगार, वस्त्राभूषण, भोग अर्पण के साथ नित्य अर्चना, दिव्य प्रबंध पाठ और वैदिक पाठ हुए। मुख्य उत्सव के रूप में दक्षिण भारतीय पद्धति से भगवान श्रीनिवास और भूदेवी-श्रीदेवी का कल्याण उत्सव (विवाहोत्सव) मनाया जा रहा है।।

इससे पूर्व पुष्करणी पूजन, अवघृत स्नान, पंचामृत, सर्व औषधि, सुगंधित द्रव्यों, फलों और फूलों के रसों कल्याण उत्सव मनाया जा रहा है। एक पालकी में दूल्हे के वेश में जहां श्रीनिवास भगवान विराजमान थे तो दूसरी पालकी में भूदेवी-श्रीदेवी दुल्हन की वेशभूषा में विराजमानी थीं। दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों के साथ श्रीनिवासजी को पालकी में विराजमान कर गज चाल, सर्प चाल सहित अलग-अलग चाल में चलते हुए भूदेवी-श्रीदेवी के पास ले जाया गया। दक्षिण भारत से आए सम्पत कुमार स्वामी के निर्देशन में यहां दोनों की माला पलटन हुई। हवन के साथ वैदिक पद्धति से विवाह की रस्म हुई। शाम को श्रीनिवासजी को झूले में विराजमान किया गया। अति मनमोहक आयोजन में देशी भक्तवृन्द भावविभोर हो गए वहीं विदेशियों में भी इस दिव्य अदभुत आयोजन के प्रति अत्यधिक उत्साह देखा गया।

ब्रह्मोत्सव में भगवान श्री निवास को दक्षिण भारत से आए पाक शास्त्रियों द्वारा तैयार व्यंजनों का ही भोग लगाया जा रहा है। सोमवार को भी पंचमेवों के साथ चावलों से निर्मित विभिन्न व्यंजन फुलेरा, पोंगल, खीरान्न, दध्योदन, रसखीर, रवा, केसरी, वड़ा चना, नींबू चावल, रसम, गुड़ पोंगल, कदम भात, उपमा, केसरिया चावल का भोग लगाया गया।

इस अवसर पर मुरली मनोहर मंदिर के स्वामी राघवेन्द्राचार्य जी, नृसिंह मंदिर के स्वामी नारायणदास जी, रामगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री हुकुम जी अग्रवाल सहित जयपुर शहर के कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

आज तीर्थ भ्रमण पर निकलेंगे श्रीनिवास भगवान: गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि मंगलवार को श्रीनिवास भगवान तीर्थ भ्रमण पर निकलेंगे। उन्हें पालकी में विराजमान कर गलता कुंड ले जाया जाएगा। यहां सुदर्शन हवन होगा। गलता तीर्थ में चराचर जीवों के कल्याण के लिए भगवान श्रीनिवास, भूदेवी और श्रीदेवी के धातु विग्रह के रूप में दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलेंगे। शाम को मुख्य मंदिर में देव दिवाली पर दीपदान होगा।

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