बुधवार, 26 नवंबर का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ. पिछले तीन दिनों से बाजार में जो सुस्ती और गिरावट का माहौल बना हुआ था, वह आज अचानक एक जोरदार तूफानी तेजी में बदल गया. सुबह से ही बाजार में खरीदारों का ऐसा जोर दिखा कि सेंसेक्स और निफ्टी ने दिन खत्म होते-होते निवेशकों की झोली खुशियों से भर दी. यह तेजी न केवल निवेशकों के लिए राहत लेकर आई, बल्कि इसने बाजार में एक नई ऊर्जा का संचार भी किया.
आज की इस तेजी का आलम यह रहा कि निवेशकों ने महज कुछ ही घंटों के कारोबार में करीब 6 लाख करोड़ रुपये की कमाई कर ली. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप, जो मंगलवार को 469 लाख करोड़ रुपये था, आज बढ़कर लगभग 475 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया.
यह आंकड़ा साफ बताता है कि बाजार में जोखिम लेने की क्षमता लौटी है और निवेशक एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं और इस भारी उछाल ने बाजार के सेंटीमेंट को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे भविष्य के लिए सकारात्मक उम्मीदें जगी हैं.
सेंसेक्स ने अपनी पिछली सारी थकान मिटाते हुए 1,023 अंकों की जबरदस्त छलांग लगाई और 1. 21% की बढ़त के साथ 85,609. 51 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 50 भी पीछे नहीं रहा और 321 अंकों की मजबूती के साथ 26,205. 30 के स्तर पर पहुंच गया. यह प्रदर्शन बाजार की व्यापक मजबूती को दर्शाता है, जहां बड़े. और छोटे दोनों तरह के शेयरों में खरीदारी का रुझान देखा गया.
बाजार में अचानक तेजी के मुख्य कारण
बाजार में आई इस अचानक तेजी ने कई लोगों को चौंकाया जरूर, लेकिन इसके पीछे कुछ ठोस कारण रहे हैं, जिन्होंने मिलकर बाजार को रॉकेट की तरह ऊपर धकेला. इन कारणों में सबसे बड़ी वजह रही ‘शॉर्ट कवरिंग’ और हालिया गिरावट के बाद बाजार को संभलने का मौका मिला और ट्रेडर्स ने अपनी बिकवाली की पोजीशन्स को कवर किया. जब शॉर्ट सेलर्स अपनी पोजीशन्स को कवर करते हैं, तो वे शेयरों की खरीदारी करते हैं, जिससे बाजार में तेजी आती है. रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च एसवीपी, अजीत मिश्रा के मुताबिक, इस रैली को घरेलू और वैश्विक दोनों. तरह के संकेतों से हवा मिली है, जो बाजार के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं.
अमेरिकी फेड और आरबीआई से उम्मीदें
बाजार में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. यह उम्मीद वैश्विक बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि कम ब्याज दरें कंपनियों के लिए उधार लेना सस्ता बनाती हैं और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं और वहीं, घरेलू स्तर पर भी उम्मीद जगी है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले महीने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है. इस उम्मीद ने बैंकिंग और रियल्टी शेयरों में जान फूँक दी, क्योंकि ब्याज दरों में कमी से इन सेक्टर्स को सीधा फायदा होता है. बैंक कम दरों पर कर्ज दे पाएंगे और रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ेगी.
वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव कम होने के संकेत मिल रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच शांति की उम्मीदों ने कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाया है, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. कच्चे तेल की कीमतें कम होने से देश का आयात बिल घटता है, महंगाई पर नियंत्रण रहता. है और कंपनियों की लागत भी कम होती है, जिससे उनके मुनाफे में वृद्धि की संभावना बनती है. यह वैश्विक स्थिरता बाजार के लिए एक सकारात्मक उत्प्रेरक का काम करती है.
घरेलू मैक्रो इकोनॉमी का मजबूत प्रदर्शन
भारत के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने भी विदेशी और घरेलू निवेशकों को यह भरोसा दिलाया कि लंबी अवधि के लिए बाजार में बने रहना फायदेमंद है. देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रही है, जिससे कंपनियों के आय अनुमान बेहतर हो रहे हैं. यह निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश बनाए रखने और नए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है. मजबूत जीडीपी वृद्धि, औद्योगिक उत्पादन में सुधार और उपभोक्ता मांग में वृद्धि जैसे कारक बाजार के लिए सकारात्मक माहौल बनाते हैं.
किन शेयरों ने भरी उड़ान और कौन रहे पीछे?
आज की तेजी किसी एक सेक्टर तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह ‘चौतरफा खरीदारी’ (Broad-based buying) का नतीजा थी. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी सवा फीसदी से ज्यादा चढ़कर बंद हुए, जो. बताता है कि छोटे और मझोले शेयरों में भी खूब पैसा लगाया गया है. निफ्टी 50 के 50 में से 44 शेयर हरे निशान में बंद हुए, जो बाजार की व्यापक मजबूती का प्रमाण है और टॉप गेनर्स में जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) ने सबसे ज्यादा 3. 69% की छलांग लगाई. इसके बाद एचडीएफसी लाइफ और बजाज फिनसर्व का नंबर रहा, जिन्होंने 2 और 5% से ज्यादा की मजबूती दिखाई. बैंकिंग सेक्टर में रिकॉर्ड तेजी देखी गई, निफ्टी बैंक इंडेक्स ने आज अपना ऐतिहासिक स्तर छू लिया और 59,554. 95 का रिकॉर्ड हाई बनाया. अंत में यह 1. 20% की बढ़त के साथ बंद हुआ और इतनी तेजी के बावजूद कुछ शेयरों में मुनाफावसूली हावी रही. भारती एयरटेल में 1 और 60% की गिरावट देखी गई, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज और आयशर मोटर्स भी लाल निशान में बंद हुए, जो दर्शाता है कि कुछ निवेशक ऊपरी स्तरों पर मुनाफा बुक कर रहे थे.
क्या जारी रहेगी यह तेजी या आएगा यू-टर्न?
आम निवेशक के मन में अब यही सवाल है कि क्या यह तेजी कल भी जारी रहेगी? बाजार के जानकारों का मानना है कि सेंटीमेंट पॉजिटिव हो चुका है, लेकिन ऊपरी स्तरों पर सावधानी बरतना जरूरी है. मास्टर कैपिटल सर्विसेज के रवि सिंह का कहना है कि निफ्टी का 26,000 के. पार जाना यह दर्शाता है कि बाजार में रिस्क लेने की क्षमता बढ़ी है. हालांकि, बीच-बीच में मुनाफावसूली आ सकती है, जिसे बाजार की सेहत के लिए अच्छा माना जाना चाहिए, क्योंकि यह बाजार को अधिक टिकाऊ बनाता है. तकनीकी नजरिए से देखें तो एसबीआई सिक्योरिटीज के सुदीप शाह मानते हैं कि निफ्टी के लिए अब 26,270-26,300 का स्तर एक रुकावट (Resistance) का काम कर सकता है. अगर बाजार इसे पार करता है, तो हम जल्द ही 26,500 और 26,700 के स्तर भी देख सकते हैं. वहीं, नीचे की तरफ 26,000 का स्तर एक मजबूत सपोर्ट बन गया है, जो किसी भी गिरावट को रोकने में मदद करेगा. जानकारों की सलाह साफ है, बाजार का रुख अब ‘Buy on Dips’ यानी गिरावट पर खरीदारी का है. जब तक निफ्टी 25,800 के ऊपर टिका है, घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन निवेश करते समय अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों का ही चुनाव करें और अपनी रिसर्च के आधार पर ही निर्णय लें.