देश / ....तो अब पराठे पर देना होगा 18 फीसदी GST, जानिए क्या कहता है कानून

News18 : Jun 13, 2020, 09:53 AM
नई दिल्ली। शायद ही आपने कभी पराठा या रोटी खाने से पहले उनके अंतर के बारे में सोचा होगा। आमतौर पर भारत में दोनों को ही एक ही तरह की ग्रेवी या ग्रिल्ड फ्राइड फूड के साथ खाया जाता है। लेकिन, वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लिये पराठे और रोटी में बहुत बड़ा अंतर है और यही कारण है कि पराठे पर 18 फीसदी टैक्स (GST on Parotas) देना पड़ेगा। दरसअसल, अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग्स (कर्नाटक बेंच) ने अपने एक फैसले में कहा कि पराठे पर 18 फीसदी GST लगेगी। दूसरी तरफ रोटी पर 18 फीसदी की जीएसटी देय नहीं होगी।


कैसे शुरू हुई पराठे और रोटी पर जीएसटी की कहानी

दरअसल, एक प्राइवेट फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने AAR के पास आवेदन किया था। इस आवेदन में कंपनी ने कहा कि पराठा को 'खाखरा, प्लेन चपाती या रोटी' के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए। जीएसटी नोटिफिकेशन के शेड्यूल 1 के Entry 99A के तहत रोटी पर 5 फीसदी ही जीएसटी देनी होती है।

अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में इस मामले का जिक्र किया है। इस रिपोर्ट में आईडी फ्रेश फूड नाम की एक कंपनी है जो इडली एंड डोसा बटर, पराठा, दही और पनीर जैसे फ्रेश फूड्स को तैयार कर सप्लाई करती है। इस कंपनी ने AAR के पास आवेदन कर गेहूं से बने पराठे और मालाबार पराठे पर लगने वाले जीएसटी के बारे में जानकारी मांगी थी।


AAR ने क्या कहा?

इसके बाद AAR ने अपने आदेश में कहा कि हेडिंग 1905 (रोटी) के अंतर्गत पहले ही तैयार किये जा चुके या पूरी तरह से पकाये गये उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें रेडी-टू-यूज फूड्स शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ पराठे को खाने से पहले गर्म करना जरूरी है। इस आधार पर, एएआर ने कहा कि पराठा 1905 के अंतर्गत नहीं आता है। यह एंट्री 99ए के तहत भी कवर नहीं होता है।

इस रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया है कि एएआर ने 'रोटी' को एक जेनेरिक शब्द के तौर पर नहीं माना है। इसमें भारतीय खाने में इस्तेमाल होने वाले कई तरह के ब्रेड्स शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह फैसला उत्पाद किस चीज से बना है, इस पर निर्भर नहीं करता है। बल्कि शब्दावली 'रोटी' के आधार पर यह फैसला लिया गया है। पराठा इसमें शामिल नहीं होता है।


SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER