नई दिल्ली: एसपीजी बिल मंगलवार को राज्यसभा में पास हो गया है। बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस के सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार नहीं देश के हर नागरिक की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है, बल्कि वह केवल बदली गई है। नए बिल के मुताबिक एसपीजी की सुरक्षा केवल पूर्व प्रधानमंत्रियों को मिलेगी। कानून सभी के लिए बराबर होगा किसी एक परिवार को ध्यान में रखकर फैसला नहीं लिया जा सकता है। यहां आपको बता दें कि एसपीजी बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।एसपीजी बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगली चारों बार जो परिवर्तन थे वो एक परिवार को देखकर ही किये गए थे, क्यों एसपीजी? हो सकता है प्रधानमंत्री से ज्यादा आम आदमी को हो जैसे अशोक सिंघल का था, देश की जनता तय करती है कौन प्रधानमंत्री होगा। क्या खतरा केवल गांधी परिवार को ही है? 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। एसपीजी के सबको मिलाकर बनती है। पांच साल में एसपीजी के अंदर से हर व्यक्ति को वापस भेज देते हैं, वे ही लोग दिए हैं जो कभी न कभी एसपीजी में रहे हैं या ट्रेनिंग लिए हुए हैं। शाह ने कहा कि किसी को भी प्रधानमंत्री से ज्यादा खतरा हो सकती है तो क्या सबको एसपीजी देंगे? ये केवल प्रधानमंत्री के लिए होना चाहिए। ये एक्ट लाने के पहले ही अस्सेस्मेंट इस परिवार की सुरक्षा का किया गया है। आगे पीएम मोदी भी प्रधानमंत्री पद से हटेंगे, तब उन्हें भी यह सुरक्षा नहीं मिलेगी। इस देश में सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा नहीं है। पूर्व पीएम चंद्रशेखर के परिवार की भी सुरक्षा हटा ली गयी है। वीपी सिंह, नरसिम्हाराव की भी हटा ली गई। उनसे भी बहुत से लोग नाराज हैं। अभी अभी मनमोहन सिंह की सुरक्षा को भी कम किया गया है। फॉर्मेलिटी और विरोध में अंतर होता है।शाह ने कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद का नाम लेते हुए कहा कि हम डेमोक्रेसी में जी रहे हैं। कानून सबके लिए बराबर होता है। हम परिवारवाद का विरोध कर रहे हैं। परिवार का नहीं। इसके आधार पर देश का लोकतंत्र नहीं चलना चाहिए। सुरक्षा हटाई नहीं गयी है। बदली नहीं गयी जितने जवान थे उतने ही हैं, जो देश के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के पास है वह इनके पास है। ये देश की नागरिक के लिए उच्च सुरक्षा है।पर्याप्त सुरक्षा दिए बिना राजीव गांधी की सुरक्षा हटाई गयी थी पर यहां ऐसा नहीं है। इस प्रकार की कोताही सरकार ने नहीं की है। इन्होने कहा कि पांच साल के बाद का आंकलन क्या? पांच साल बाद एसपीजी कवर पीएम मोदी को भी नहीं मिएगा, अगर ऐसा वक्त आया तो इस के हिसाब से 120 कायकर्ता बीजेपी-आरएसएस के मार दिए गए हैं। कम्यूनिस्ट पार्टी के राज में बीजेपी-RSS के लोगों को अपनी बात कहने का हक नहीं है। हो सकता है मेरी बात किसी को कटु लगे, मैंने जो कहा सही कहा है। केरल में 120 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। जब कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता मारे गए तब हम शासन में नहीं थे, जब कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी शासन में आती है हमारे मारे जाते हैं।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक 2019 में संशोधन का उद्देश्य ब्लैक कैट कमांडो की दक्षता को बढ़ाना है। शाह की टिप्पणी लोकसभा में विधेयक पर विचार करने और पारित करने के दौरान आई, जो एसपीजी अधिनियम 1988 में संशोधन की मांग करता है। इसके तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के साथ ही उनके करीबी परिजनों के लिए सुरक्षा प्रदान की जाती है। शाह ने कहा, 'एसपीजी विधेयक का उद्देश्य विशेष सुरक्षा समूह को और अधिक कुशल बनाना है और इस काम में कोई उदासीनता नहीं होनी चाहिए।'
गृह राज्य मंत्री जी। किशन रेड्डी ने सोमवार को विधेयक पेश किया था।
निचले सदन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 1991, 1994, 1999 और 2003 में कानून में संशोधन हुए हैं और वह बुधवार को एसपीजी अधिनियम में एक और संशोधन के लिए आए हैं जो कानून की मूल बातों के अनुसार है। अधिनियम में संशोधन के बाद शाह ने कहा कि नए कानून से यह अनिवार्य हो जाएगा कि एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को प्रदान की जाए और उनके आधिकारिक निवास पर उनके साथ रहने वाले तत्काल परिवार के सदस्य ही इसमें शामिल हों।
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवार के ऐसे सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा दी जाएगी, जो उनके साथ आवंटित आवास पर रहते हैं। एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री का पद त्यागने के पांच वर्ष के अंतराल तक मुहैया कराई जाएगी। प्रधानमंत्री के लिए एसपीजी कवर की आवश्यकता के बारे में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी की जरूरत है, क्योंकि वह देश के कल्याण, देश की सुरक्षा और समाज की भलाई के लिए कुछ कठोर निर्णय लेते हैं।'उन्होंने कहा, 'यह केवल प्रधानमंत्री की शारीरिक सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के पद की सुरक्षा, उनकी गरिमा, उनके कार्यालय, उनके संस्थान, स्वास्थ्य और संचार तक सीमित है। इन सभी चीजों की निगरानी एसपीजी द्वारा की जाती है क्योंकि वह सरकार के प्रमुख हैं।' इजरायल, फ्रांस और इंग्लैंड का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि दुनिया में कई अन्य देश हैं जहां ऐसे सुरक्षा समूह अपने राष्ट्रों के प्रमुखों और उस जगह को सुरक्षा प्रदान करते हैं जहां वे काम करते हैं और रहते हैं।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक 2019 में संशोधन का उद्देश्य ब्लैक कैट कमांडो की दक्षता को बढ़ाना है। शाह की टिप्पणी लोकसभा में विधेयक पर विचार करने और पारित करने के दौरान आई, जो एसपीजी अधिनियम 1988 में संशोधन की मांग करता है। इसके तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री के साथ ही उनके करीबी परिजनों के लिए सुरक्षा प्रदान की जाती है। शाह ने कहा, 'एसपीजी विधेयक का उद्देश्य विशेष सुरक्षा समूह को और अधिक कुशल बनाना है और इस काम में कोई उदासीनता नहीं होनी चाहिए।'
गृह राज्य मंत्री जी। किशन रेड्डी ने सोमवार को विधेयक पेश किया था।
निचले सदन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 1991, 1994, 1999 और 2003 में कानून में संशोधन हुए हैं और वह बुधवार को एसपीजी अधिनियम में एक और संशोधन के लिए आए हैं जो कानून की मूल बातों के अनुसार है। अधिनियम में संशोधन के बाद शाह ने कहा कि नए कानून से यह अनिवार्य हो जाएगा कि एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को प्रदान की जाए और उनके आधिकारिक निवास पर उनके साथ रहने वाले तत्काल परिवार के सदस्य ही इसमें शामिल हों।
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवार के ऐसे सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा दी जाएगी, जो उनके साथ आवंटित आवास पर रहते हैं। एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री का पद त्यागने के पांच वर्ष के अंतराल तक मुहैया कराई जाएगी। प्रधानमंत्री के लिए एसपीजी कवर की आवश्यकता के बारे में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी की जरूरत है, क्योंकि वह देश के कल्याण, देश की सुरक्षा और समाज की भलाई के लिए कुछ कठोर निर्णय लेते हैं।'उन्होंने कहा, 'यह केवल प्रधानमंत्री की शारीरिक सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के पद की सुरक्षा, उनकी गरिमा, उनके कार्यालय, उनके संस्थान, स्वास्थ्य और संचार तक सीमित है। इन सभी चीजों की निगरानी एसपीजी द्वारा की जाती है क्योंकि वह सरकार के प्रमुख हैं।' इजरायल, फ्रांस और इंग्लैंड का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि दुनिया में कई अन्य देश हैं जहां ऐसे सुरक्षा समूह अपने राष्ट्रों के प्रमुखों और उस जगह को सुरक्षा प्रदान करते हैं जहां वे काम करते हैं और रहते हैं।