लोकसभा में चुनाव सुधारों पर एक महत्वपूर्ण बहस के दौरान, कांग्रेस सांसद। और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अपने भाषण में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली, कथित वोट चोरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि वह बिना किसी सबूत के कोई बात नहीं करते और देश की संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों में RSS से जुड़े लोगों को चांसलर बनाया जा रहा है, जिससे इन संस्थाओं की स्वायत्तता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि CEC को चुनने में सत्ता पक्ष की मनमानी चलती है, जिससे चुनाव आयोग सत्ता पक्ष के इशारों पर काम करने को मजबूर होता है और उन्होंने सवाल उठाया कि जब CEC को नियंत्रित करने का कोई मतलब नहीं है, तो फिर उनकी नियुक्ति में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को क्यों शामिल नहीं किया जाता? यह सवाल चुनाव आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को लेकर एक बड़ी। बहस छेड़ता है, क्योंकि CEC का पद भारतीय लोकतंत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चुनाव आयोग पर मिलीभगत के आरोप
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सत्ता के साथ मिला हुआ है। उन्होंने दावा किया कि इस बात के सबूत भी दिए गए हैं। राहुल गांधी ने पूछा कि चुनाव आयोग को CCTV फुटेज नष्ट करने की शक्ति क्यों दी गई है और CEC के लिए सजा का प्रावधान क्यों हटा दिया गया है? इन सवालों ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव आयोग का इस्तेमाल अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कर रही है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर हो रही है।
डुप्लिकेट वोटर्स और EVM पर चिंता
राहुल गांधी ने डुप्लिकेट वोटर्स के मुद्दे पर भी चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने विशेष रूप से बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि SIR (Systematic Improvement of Registration) प्रक्रिया के बाद भी राज्य में डुप्लिकेट वोटर्स मौजूद हैं और उन्होंने बताया कि SIR के बाद भी बिहार में 1. 50 लाख डुप्लिकेट फोटो वाले वोटर्स पाए गए हैं। राहुल गांधी ने मांग की कि EVM को राजनीतिक दलों को देखने के लिए दिया जाए और वोटर लिस्ट चुनाव से एक महीना पहले उपलब्ध कराई जाए, ताकि उसकी ठीक से जांच की जा सके।
लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को चुनने के लिए नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिसका उद्देश्य चुनाव आयोग पर कब्जा करना है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनके अनुसार, CEC को चुनने में सत्ता पक्ष की चलती है, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है और यह आरोप भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करता है।
हरियाणा चुनाव में 'वोट चोरी' का दावा
अपने भाषण में राहुल गांधी ने हरियाणा चुनाव का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि वहां चुनाव 'चोरी' किया गया था। उन्होंने इस संदर्भ में ब्राजील की एक मॉडल का उदाहरण। दिया, जिसका नाम वोटर लिस्ट में 22 बार आया था। उन्होंने एक अन्य महिला का भी जिक्र किया, जिसका नाम वोटर लिस्ट में 200 बार दर्ज था। ये उदाहरण कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं और डुप्लिकेट वोटर्स की समस्या को उजागर करते हैं।
RSS और एंटी-नेशनल काम
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर SIR की प्रक्रिया हुई। और डुप्लिकेट वोटर्स के मुद्दे पर चुनाव आयोग के पास कोई जवाब नहीं है। राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' को 'एंटी-नेशनल' काम करार दिया और उन्होंने भारत को एक ऐसे कपड़े के समान बताया जिसके सभी धागे एक जैसे हैं और सभी लोग बराबर हैं। उनका यह बयान देश की एकता और समानता के सिद्धांत पर जोर देता है, जिसे कथित चुनावी अनियमितताओं से खतरा हो सकता है।