Karnataka Elections / शपथ ग्रहण 18 मई को! CM पर नहीं तकरार, बस खरगे से हरी झंडी का इंतजार

Zoom News : May 15, 2023, 07:39 AM
Karnataka Elections: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद अब सभी की नजरें मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान पर टिकी हुई हैं. सब यही सोच रहे हैं कि राज्य के सीएम के रूप में किसके सिर पर सेहरा सजने वाला है. जहां एक तरफ कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थकों को लग रहा है कि उनके नेता का नाम आगे बढ़ाया जाएगा, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के भी समर्थक उन्हें एकबार फिर से सीएम देखना चाहते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, अगर सबकुछ सही रहा तो अगले मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ 18 मई को शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं. दरअसल, बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक हुई है. इस बैठक में सभी विधायकों ने एक ही सुर में कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर फैसला पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे. खरगे इस समय दिल्ली में मौजूद हैं. कहा जा रहा था कि रविवार को वह आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

कांग्रेस में सीएम को लेकर नहीं कोई खींचतान

बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस सांसद व नेता के. सी. वेणूगोपाल का कहना है कि विधायकों की राय लेने की प्रक्रिया रात में पूरी कर ली जाएगी. ये एक सर्वसम्मत प्रस्ताव है जिसे सिद्धारमैया ने पेश किया और डी.के. शिवकुमार सहित सभी सीनियर लीडर्स की ओर से इसका समर्थन किया गया. वहीं, रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो प्रस्ताव लाए गए जिसमें कर्नाटक की जनता का धन्यवाद किया गया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे यह कहा गया.

विधायक दल की बैठक से पहले सुरजेवाला ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ अलग से बैठक की. इधर, मल्लिकार्जुन खरगे कल सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. उनका कहना है कि तीन ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं, जोकि बेंगलुरु भेजे गए हैं और रायसुमारी करके हाईकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. अगले तीन से चार दिनों में सीएम फेस पर तस्वीर क्लियर हो जाएगी. फिलहाल पार्टी के अंदर सीएम को लेकर किसी भी तरह की तकरार सामने नहीं आई है. सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है.

कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री मुस्लिम होना चाहिए- वक्फ बोर्ड प्रमुख

वहीं, सुन्नी उलमा बोर्ड के मुस्लिम नेताओं ने मांग की है कि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री का पद उनके समुदाय के जीतने वाले उम्मीदवारों को दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी मांग की है कि पांच मुस्लिम विधायकों को गृह, राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसे अच्छे विभागों के साथ मंत्री बनाया जाना चाहिए. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी का कहना है कि उन्होंने चुनाव से पहले ही कहा था कि उपमुख्यमंत्री मुस्लिम होना चाहिए और उन्हें 30 सीटें दी जानी चाहिए, लेकिन 15 सीटें मिली जिनमें से 9 मुस्लिम उम्मीदवार ने जीत हासिल की. लगभग 72 विधानसभों में कांग्रेस पूरी तौर पर मुसलमानों के चलते जीती है. एक समुदाय के तौर पर हमने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है. अब समय आ गया है कि उसके बदले में कुछ मिले.

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