Shashi Tharoor / PAK के लिए जिस देश ने बहाए आंसू, थरूर ने घर में घुसकर लगाई उसकी क्लास

भारत का पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में कोलंबिया पहुँचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद पर कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर असंतोष जताया। थरूर ने पाकिस्तान की आतंकवाद को शह देने वाली नीति को उजागर किया।

Shashi Tharoor: भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आक्रामक राजनयिक अभियान जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में कोलंबिया में है, जहां उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का सरंक्षक बताते हुए कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा प्रकट की।

कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया पर भारत की नाराज़गी

थरूर ने कोलंबिया सरकार द्वारा भारतीय जवाबी हमलों के चलते पाकिस्तान में हुए जानमाल के नुकसान पर संवेदना प्रकट करने को आश्चर्यजनक और असंतुलित करार दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह संवेदना आतंकवाद पीड़ितों के प्रति होनी चाहिए थी, न कि आतंकियों के पनाहगाह के रूप में काम कर रहे देश के लिए।

“जब कोलंबिया ने यह बयान दिया, तब शायद वे परिस्थिति को पूरी तरह नहीं समझ पाए थे। भारत एक ऐसा देश है, जो दुनिया में शांति और प्रगति के लिए कार्य करता है। हम अपेक्षा करते हैं कि अन्य सरकारें उन लोगों को स्पष्ट संदेश दें जो आतंकवादियों को संरक्षण देते हैं,” — शशि थरूर

भारत और कोलंबिया — समान पीड़ा, समान अनुभव

थरूर ने कोलंबिया को उसके अपने आतंकवाद से जूझने के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि भारत भी पिछले चार दशकों से लगातार आतंकवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद फैलाने वालों और उसका प्रतिकार करने वालों को एक तराजू में नहीं तौला जा सकता।

“हम सिर्फ आत्मरक्षा का अधिकार प्रयोग कर रहे हैं। अगर इस मुद्दे पर कोई भ्रम है, तो हम उसे स्पष्ट करने के लिए यहां हैं।” — थरूर

मध्यस्थता पर भारत का रुख: कोई तीसरा पक्ष नहीं

जब शशि थरूर से मध्यस्थता की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत को युद्ध में कोई रुचि नहीं है, लेकिन आतंकी हमले का उचित जवाब देना जरूरी था। अमेरिका, फ्रांस, यूएई, सऊदी अरब जैसे देशों के वरिष्ठ अधिकारियों से भारत की बातचीत हुई, लेकिन कोई औपचारिक मध्यस्थता प्रक्रिया नहीं चली।

“अगर ये देश पाकिस्तान को यह समझा सकें कि भारत केवल जवाब दे रहा है, तो यह मददगार हो सकता है। लेकिन यह किसी तरह की मध्यस्थता नहीं थी।” — थरूर

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख नेता

शशि थरूर के नेतृत्व वाला यह प्रतिनिधिमंडल पनामा और गुयाना के दौरे के बाद कोलंबिया पहुंचा है। इस डेलिगेशन में शामिल हैं:

  • सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा)

  • जीएम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी)

  • शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा)

  • भुवनेश्वर कलिता (भाजपा)

  • मिलिंद देवड़ा (शिवसेना)

  • तेजस्वी सूर्या (भाजपा)

  • तरनजीत सिंह संधू (भारत के पूर्व राजदूत, अमेरिका में)

यह दल उन 7 प्रतिनिधिमंडलों में शामिल है जिन्हें भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद 33 देशों तक भारत का पक्ष पहुंचाने के लिए नियुक्त किया है।

पहलगाम हमला और बढ़ता तनाव

गौरतलब है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सफल हमले किए। पाकिस्तान ने इसके जवाब में ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उसे करारा जवाब दिया।

बाद में 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद सीजफायर का फैसला लिया गया, जिससे तनाव में कुछ कमी आई।