Gold Price / चार साल में पहली बार आई सोने की कीमत में सबसे बड़ी गिरावट, जाने नये भाव

Zoom News : Dec 01, 2020, 07:03 AM
Delhi: जैसे-जैसे दुनिया भर में कोरोना महामारी फैल रही थी, सोने की कीमतें बढ़ रही थीं। मार्च से अगस्त तक सोने की कीमतों में एकतरफा रैली देखी गई। लेकिन अब जैसे-जैसे कोरोना वैक्सीन की खबर आ रही है, सोने की चमक फीकी पड़ रही है। भले ही भारतीय शेयर बाजार सोमवार को बंद रहे, लेकिन वैश्विक बाजार में सोमवार को चार साल में सोने की कीमत में सबसे बड़ी मासिक गिरावट देखी गई।

दरअसल, दुनिया भर में कई कंपनियां कोरोना वायरस का टीका बनाने में जुटी हैं, जिसमें कई कंपनियां अंतिम चरण पर हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध होगी। हालांकि, अभी तक कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। भारत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीन के हर अपडेट पर नजर रख रहे हैं।

अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

वैक्सीन की खबर से अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीद बढ़ी है। जिसके कारण सोने के दाम गिर रहे हैं। सोमवार को हाजिर सोना 1.2 प्रतिशत गिरकर 17.66.26 डॉलर प्रति औंस हो गया। नवंबर में अब तक सोने की कीमत में करीब 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। नवंबर 2016 के बाद यह सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।

चांदी की कीमतों में भी गिरावट

वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में 30 नवंबर को चांदी की कीमतों में भी 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 21.96 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एक तरह से पिछले 4 सालों में नवंबर सोने के लिए सबसे खराब महीना साबित हुआ है। कोरोना संकट के कारण, लोग सोने में निवेश करने की ओर भाग रहे थे, और अब वैक्सीन की खबर के कारण लोग बेच रहे है

अगस्त के पहले सप्ताह में सोना अपने पिछले उच्च स्तर को छू गया। सोने की कीमत 7 अगस्त को 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अब सोमवार को दिल्ली बुलियन मार्केट में सोने की कीमत 24 कैरेट 51,000 और 22 कैरेट 46,350 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस आधार पर, सोने की कीमतें पिछले उच्च से 8,000 रुपये प्रति 10 ग्राम कम हो गई हैं

वहीं, 10 अगस्त को चांदी की कीमत 78,256 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 30 नवंबर 2020 को 59,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। इस आधार पर चांदी की कीमत में 19,000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की कमी आई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और अमेरिका और चीन के बीच तनाव के कारण निवेशक सोने को छोड़कर शेयरों में बदल रहे हैं। यही नहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। इतना ही नहीं, डॉलर पर दबाव है। वैक्सीन की खबरों के कारण डॉलर दो साल के निचले स्तर पर आ गया है।

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