Rahul Gandhi / गुमराह किया गया जज को, उन्होंने ढीठ कहा- सूरत कोर्ट में बोले राहुल गांधी के वकील

Zoom News : Apr 13, 2023, 04:50 PM
Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि के मामले (Defamation Case) में सजा सुनाए जाने के खिलाफ याचिका लगाई गई है, जिस पर आज गुरुवार को सूरत की सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई. राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में पेश वकील आरएस चीमा ने कहा कि वोट और सजा को देखते हुए अगर उन्हें अयोग्य करार दिया जाता है तो यह अपूरणीय क्षति जैसी होगी. साथ ही यह भी कहा कि जज को गुमराह किया गया.

मानहानि मामले में सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट से लोकसभा की सदस्यता गंवा दी थी. बार एंड बेंच की ओर से जानकारी दी गई कि सूरत की सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल के वकील चीमा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, “राहुल गांधी वायनाड सीट से बड़ी जीत हासिल कर लोकसभा के सांसद बने थे. अब उन्हें वोट और दोषसिद्धि को देखते हुए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो यह न केवल अपूरणीय क्षति होगी बल्कि अपरिवर्तनीय नुकसान भी होगा.”

‘यह ट्रायल मेरे लिए बेहद कठोर’

कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से यह कहा गया कि मामले की शिकायत सिर्फ पीड़ित पक्ष ही करा सकता है. वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने राहुल का पक्ष रखते हुए कहा, “यह कहते हुए कि केवल पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत दर्ज करा सकता है, राहुल गांधी की ओर से पेश चीमा ने कहा, “मुझ पर मेरे साहस के जवाब में केस चलाया गया क्योंकि मैं पीएम की मुखर होकर आलोचना कर रहा था. यह ट्रायल मेरे लिए बेहद कठोर और अनुचित है.”

मोदी सरनेम मामले पर केस करने वाले शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के भौगोलिक क्षेत्राधिकार (Geographical Jurisdiction) का मुद्दा उठाते हुए वकील चीमा ने कहा कि राहुल गांधी ने यह भाषण कर्नाटक के कोलार में दिया गया था जबकि शिकायतकर्ता को उसके व्हाट्सएप पर यह मैसेज मिला था.

‘तो क्या मैं मानहानि का केस कर दूं’

वकील चीमा ने कहा, “अगर कोई मुझसे यह कहता है कि आप पंजाबी झगड़ालू और गाली-गलौज करने वाले हो, तो क्या मैं इसके खिलाफ मानहानि का केस कर सकता हूं? इस तरह के कई शब्दों का इस्तेमाल अक्सर सभी भाषायी समूहों के साथ-साथ धार्मिक संस्थाओं आदि के लिए किया जाता रहा है.”

चीमा ने कहा, “सुनवाई के दौरान सुबह 11:51 बजे मेरे मुवक्किल (राहुल) को दोषी ठहरा दिया जाता है, फिर आधे घंटे में उन्हें कड़ी सजा सुना दी जाती है. मुझे आश्चर्य है कि ट्रायल कोर्ट ने मेरे मुवक्किल से कहा- ‘आपको सुप्रीम कोर्ट ने वार्निंग दी थी. बड़े ढीठ हो, आप कुछ समझे नहीं.’ मुझे इसके लिए अफसोस है कि मैं कड़ शब्दों का इस्तेमाल करने जा रहा हूं, लेकिन ये सच है कि जज को गुमराह किया गया.”

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