Bangladesh Violence / बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: इमरान मसूद ने प्रियंका गांधी को PM बनाने की बात कही, बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों के बीच प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया है, ताकि वे इंदिरा गांधी की तरह जवाब दे सकें। बीजेपी ने इस पर राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए हैं, जबकि रॉबर्ट वाड्रा ने लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे लगातार अत्याचारों और हिंसक घटनाओं। के बीच भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने इस गंभीर मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए एक बड़ा बयान। दिया है, जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा को देश का प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की है। मसूद का मानना है कि प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री बनकर इंदिरा गांधी की तरह ही इन अत्याचारों का करारा जवाब दे सकती हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और विभिन्न दलों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अत्याचार

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय बने हुए हैं। हाल ही में बांग्लादेशी छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद से हिंसक घटनाएं और भी तेज हो गई हैं, जिससे वहां के अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल है। इन घटनाओं में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या का मामला भी शामिल है, जिसने मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। ये घटनाएं धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। और भारत जैसे पड़ोसी देश के लिए भी चिंता का कारण बनती हैं।

इमरान मसूद का प्रियंका गांधी पर दांव

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी प्रियंका गांधी पर गाजा के मुद्दे पर बोलने और बांग्लादेश पर चुप रहने का आरोप लगाती है, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि प्रियंका गांधी अभी प्रधानमंत्री नहीं हैं। मसूद ने जोर देकर कहा कि अगर प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाए, तो वह इंदिरा गांधी की तरह ही प्रभावी ढंग से जवाब देंगी और उन्होंने प्रियंका के नाम के पीछे लगे 'गांधी' उपनाम और इंदिरा गांधी की पोती होने का हवाला देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को ऐसा नुकसान पहुंचाया था, जिसके जख्म आज भी नहीं भरे हैं। मसूद का यह बयान कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही बहस को भी हवा देता है।

बीजेपी का पलटवार और राहुल गांधी पर निशाना

इमरान मसूद के बयान पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया है। बीजेपी नेता शाहजाद पूनावाला ने मसूद के बयान को राहुल गांधी के नेतृत्व पर अविश्वास के रूप में देखा। पूनावाला ने कहा कि इमरान मसूद खुद राहुल गांधी को हटाकर प्रियंका गांधी को लाने की बात कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि कांग्रेस के भीतर ही राहुल गांधी पर किसी को विश्वास नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी को 'लीडर ऑफ पलायन' और 'लीडर ऑफ पर्यटन' करार दिया, यह आरोप लगाते हुए कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत की 'सुपारी' लेते हैं। बीजेपी का यह बयान कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों को उजागर करने। और राहुल गांधी की छवि को कमजोर करने का प्रयास है।

रॉबर्ट वाड्रा की संतुलित प्रतिक्रिया

प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने इमरान मसूद के बयान पर एक संतुलित प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वीकार किया कि हर तरफ से प्रियंका गांधी को राजनीति में आगे आने और प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की मांग की जा रही है और वाड्रा ने यह भी बताया कि उनके लिए भी राजनीति में आने की मांग उठ रही है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय हमें उन असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो आम लोगों से जुड़े हैं। वाड्रा का यह बयान दिखाता है कि वे राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ज्यादा जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं, जबकि साथ ही प्रियंका की बढ़ती लोकप्रियता को भी स्वीकार कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी का पूर्व रुख

यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा पर अपनी चिंता व्यक्त की है। हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद, प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया था। उन्होंने भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर ध्यान देने और बांग्लादेश सरकार के साथ उनकी सुरक्षा का मुद्दा मजबूती से उठाने की बात कही थी। प्रियंका ने स्पष्ट किया था कि किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति। या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हत्या मानवता के खिलाफ अपराध हैं। उनका यह बयान दर्शाता है कि वे इस मुद्दे पर पहले से ही मुखर रही हैं और इसे गंभीरता से लेती हैं।

राजनीतिक बहस और भविष्य की दिशा

इमरान मसूद का बयान और उस पर आई प्रतिक्रियाएं भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करती हैं। यह न केवल बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि कांग्रेस के भीतर नेतृत्व की गतिशीलता और बीजेपी के साथ उसके राजनीतिक टकराव को भी दर्शाता है। प्रियंका गांधी की बढ़ती लोकप्रियता और उनके प्रति पार्टी के कुछ नेताओं का समर्थन भविष्य में कांग्रेस की रणनीति में बदलाव का संकेत दे सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बहस आगे चलकर क्या मोड़ लेती है और क्या प्रियंका गांधी वास्तव में एक बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए आगे आती हैं। यह मुद्दा भारत की विदेश नीति और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर जब धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का सवाल हो।