- भारत,
- 10-Jun-2025 05:37 PM IST
WTC Final: आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का फाइनल अब बस कुछ ही घंटे दूर है, और क्रिकेट प्रेमियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। इस बार का खिताबी मुकाबला क्रिकेट के ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम खिताब को अपने पास बनाए रखने के इरादे से मैदान पर उतरेगी, वहीं साउथ अफ्रीका के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका है—पहली बार टेस्ट चैंपियन बनने का।
लॉर्ड्स में 11 जून से होगी भिड़ंत
लॉर्ड्स का यह मुकाबला 11 जून से शुरू होगा, जिसमें टॉस भारतीय समय अनुसार दोपहर 3 बजे होगा, और मुकाबला 3:30 बजे से शुरू होगा। दोनों ही टीमों ने बीते कई दिनों से लॉर्ड्स में अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं और अब सबकी निगाहें पांच दिन तक चलने वाले इस महामुकाबले पर हैं।
साउथ अफ्रीका ने की प्लेइंग इलेवन की घोषणा
फाइनल से ठीक एक दिन पहले साउथ अफ्रीका ने अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया है, जिससे यह संकेत मिला है कि टीम न केवल आत्मविश्वास से भरी है, बल्कि आखिरी समय तक टीम संयोजन में उलझने के मूड में भी नहीं है। कप्तान टेम्बा बावुमा के नेतृत्व में जिन खिलाड़ियों को अंतिम ग्यारह में जगह मिली है, वे हैं:
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टेम्बा बावुमा (कप्तान)
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एडन मारक्रम
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रियान रिकल्टन
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वियान मुल्डर
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ट्रिस्टन स्टब्स
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डेविड बेडिंगम
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काइल वेर्रेने (विकेटकीपर)
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मार्को यानसेन
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केशव महाराज
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कगिसो रबाडा
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लुंगी एंगिडी
इस टीम में पेस और स्पिन का बेहतरीन संतुलन नजर आ रहा है। केशव महाराज एकमात्र प्रमुख स्पिनर के रूप में खेलेंगे, जबकि रबाडा, एंगिडी और यानसेन तेज आक्रमण की कमान संभालेंगे। वहीं बल्लेबाजी क्रम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण देखने को मिलेगा।
साउथ अफ्रीका का शानदार सफर
साउथ अफ्रीका ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के इस चक्र में अब तक बेहद शानदार प्रदर्शन किया है। 12 मुकाबलों में उन्होंने 8 मैच जीते, 3 हारे और 1 ड्रॉ खेला। इसी प्रदर्शन के दम पर उन्होंने अंक तालिका में पहला स्थान हासिल कर फाइनल में सबसे पहले अपनी जगह पक्की की। खास बात यह है कि कप्तान टेम्बा बावुमा अब तक अपनी कप्तानी में एक भी टेस्ट मैच नहीं हारे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के सामने कड़ी चुनौती
वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रहने वाला। भले ही वे मौजूदा चैंपियन हों, लेकिन साउथ अफ्रीका की फॉर्म, संतुलित टीम और कप्तानी में लगातार मिल रही जीतें उन्हें भारी पड़ सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया को खिताब बचाने के लिए हर दिन और हर सत्र में खुद को साबित करना होगा।