Tiddi attack / फिर हो सकता है टिड्डी दल का बड़ा हमला, कई किलोमीटर तक घिरे आसमान देखने को रहिए तैयार

News18 : Jul 23, 2020, 10:45 PM
नई दिल्ली। टिड्डी दल के हमले (Locust Attack) ने इस साल उत्तर और पश्चिमी भारत (Northern and Eastern India) के कई राज्यों में काफी आतंक मचाया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब टिड्डी दल का हमला शहरों में भी हुआ। 21 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय संस्था फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (Food and Agriculture Organization) द्वारा जारी की गई एक एडवायजरी में कहा गया है कि राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में टिड्डी दल मौजूद हैं और बड़ी संख्या में प्रजनन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में आने वाले कुछ महीने में एक बार फिर से टिड्डी दल के हमले की सेकंड वेव के लिए तैयार रहना चाहिए।

कहां पड़ेगा प्रभाव

इस हमले का पहला प्रभाव राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पड़ सकता है। हिंदुस्तान टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट कहती है कि इससे पहले टिड्डी दल का बड़ा हमला साल 1993 में हुआ था। इसके बाद राज्य ऑर्गेनोफोस्फेट के छिड़काव के जरिए टिड्डियों के हमले को रोकते रहे हैं।

सरकारों को चेतावनी

अब फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों को चेताया गया है कि उन्हें इस हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। संगठन ने कहा है कि पर्यावरण संकट की वजह से ऐसे मामले बढ़ सकते हैं। इसका मतलब है कि सरकारों को टिड्डी चेतावनी संस्थानों को सक्रिय करना होगा। मुश्किल ये भी है कि बीते कई सालों में कोई हमला न होने की वजह से ऐसे संस्थान लगभग निष्क्रिय पड़ गए हैं।

'फसलों को नहीं हुआ बहुत ज्यादा नुकसान'

गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि टिड्डी दल के हमले की वजह से फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। मंत्रालय ने कहा है-गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में टिड्डियों की वजह से फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। हां, राजस्थान में इसका प्रभाव फसलों पर जरूर पड़ा है लेकिन वह भी बहुत ज्यादा नहीं है।

रोकथाम के काम में लगी 79 टीमें

मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस वक्त 79 नियंत्रण टीम राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में काम कर रही हैं, जिनमें 200 केंद्र सरकार के भी कर्मचारी सम्मिलित हैं। ये टीम स्प्रे व्हीकल के साथ काम कर रही हैं जिससे टिड्डियों को भगाया जा सके। राजस्थान के बाड़मेर, नागौर, बीकानेर, फलौदी जैसे इलाकों में 15 ड्रोन के साथ 5 कपनियां काम कर रही हैं। यहां पर स्प्रे का छिड़काव कर बड़े पेड़ों और अन्य जगहों पर घर बनाए टिड्डियों को भगाने का काम किया जा रहा है।

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