दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की हिरासत को 3 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को ही तय की गई है। गुरुवार (19 सितंबर 2019) को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के इस फैसले का चिदंबरम के वकीलों ने जमकर विरोध किया। पूर्व वित्त मंत्री के वकील कपिल सिब्ब्ल ने पूछा कि हिरासत को बढ़ाए जाने के पीछे क्या वजह है और किस आधार पर इसे बढ़ा जा रहा है? वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ‘चिदंबरम 14 दिन की पुलिस और 14 न्यायिक हिरासत पूरी कर चुके हैं। ऐसे में अब उनकी हिरासत को क्यों बढ़ाय जा रहा है।’वहीं सुनवाई के दौरान चिदंबरम को जेल में मिलने वाली सुविधाओं पर भी जमकर बहस हुई। चिदंबरम ने कोर्ट से कहा कि उनकी सेल में न तो कुर्सी है और न ही तकिया। इस वजह से मुझे पीठ दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा ‘मेरी सेल के बाहर कुछ कुर्सियां हुआ करती थीं, मैं उनपर बैठ जाता था लेकिन अब वे भी हटा दी गई हैं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मैं उनका इस्तेमाल कर रहा था। अब तो जेल की वॉर्डन भी बिना कुर्सी के है।’वहीं इसके बाद सिंघवी ने कहा चिदंबरम के पास तीन दिन पहले कुर्सी थी लेकिन अब तो न उनके पास कुर्सी है और न ही तकिया। वहीं इस पर सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ‘आप लोग छोटी सी बात को सनसनी बना रहे हैं। उनके सेल में शुरुआत से ही ही कुर्सी नहीं है।’ इसके बाद वकीलों ने कोर्ट से मांग कि की चिदंबरम की ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) या फिर आरएमएल अस्पताल में जांच की जानी चाहिए। बता दें कि चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हिरासत में रखे गए हैं।मालूम हो कि सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ विदेशी निधि प्राप्ति के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में की गयी कथित अनियमितताओं के संबंध में 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था। 2007 में चिदंबरम मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री थे। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इससे जुड़ा धन शोधन का मामला दर्ज किया था।