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- 09-Sep-2025 08:40 PM IST
Shreyas Iyer: श्रेयस अय्यर को मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ वनडे फॉर्मेट खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। दाएं हाथ का यह बल्लेबाज अपनी आक्रामक और तकनीकी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाने में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। लेकिन इन चमकदार उपलब्धियों के पीछे की कहानी उतनी आसान नहीं थी, जितनी दिखाई देती है। हाल ही में श्रेयस ने अपने जीवन के सबसे दर्दनाक अनुभव का खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक चोट ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया था।
लकवे की मार और सर्जरी का दर्द
GQ India के साथ एक इंटरव्यू में श्रेयस अय्यर ने अपने उस दर्दनाक दौर को साझा किया, जिसने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया था। उन्होंने कहा, "मैं किस दर्द से गुजरा हूं, ये कोई नहीं समझ सकता। मेरा एक पांव पूरी तरह से चलना बंद हो गया था, मुझे एक पांव में लकवा मार गया था। मेरी स्पाइन की सर्जरी हुई थी और मेरी कमर पर एक रॉड डाली गई थी। यह एक बहुत ही दर्दनाक और खतरनाक अनुभव था। मुझे कमर से लेकर ऐड़ी तक असहनीय दर्द होता था। वो बहुत ही डरावना अनुभव था।"
2023 में श्रेयस को पीठ की गंभीर चोट के कारण सर्जरी करानी पड़ी थी। इस चोट ने उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से बाहर कर दिया। इस दौरान दिल्ली कैपिटल्स ने उनकी जगह ऋषभ पंत को कप्तान नियुक्त किया, और बाद में श्रेयस ने इस फ्रेंचाइजी को छोड़ दिया। इस चोट ने न केवल उनके करियर को प्रभावित किया, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर डाला।
खिलाड़ियों को रोबोट समझने की मानसिकता
श्रेयस ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो खिलाड़ियों को हर मैच में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद के साथ ट्रोल करते हैं। उन्होंने कहा, "लोग खिलाड़ियों को अक्सर रोबोट की तरह समझते हैं। उन्हें लगता है कि हम हर मैच में शानदार प्रदर्शन करेंगे। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि पर्दे के पीछे क्या चल रहा है।" श्रेयस का यह बयान उन चुनौतियों को उजागर करता है, जिनका सामना एक खिलाड़ी अपने करियर में करता है, खासकर तब जब वह चोटों और असफलताओं से जूझ रहा हो।
हार न मानने की जिद
हालांकि श्रेयस अय्यर ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनकी वापसी की इच्छाशक्ति अटल है। भले ही वह हाल ही में एशिया कप के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए, लेकिन वह हार मानने को तैयार नहीं हैं। वह न केवल वनडे फॉर्मेट में अपनी मजबूत वापसी करना चाहते हैं, बल्कि टेस्ट और टी20 फॉर्मेट में भी अपनी छाप छोड़ने के लिए उत्सुक हैं।
